VRS लेने के कई हैं फायदे, जानें लोग नार्मल रिटायरमेंट की जगह क्यों चुनते हैं वॉलेंट्री रिटायरमेंट

Difference between voluntary retirement and normal retirement: पिछले कुछ सालों में काम के तौर-तरीकों में काफी बदलाव हुए हैं। आज का यूथ हर काम अपने हिसाब से करने की सोचता है। (Difference between voluntary retirement and normal retirement) फिर चाहे नौकरी की बात हो या जिंदगी जीने की। यही वजह है कि आजकल हर व्यक्ति के पास अपने कुछ प्लान्स होते हैं जिनमें नौकरी और रिटायरमेंट दोनों शामिल होता है। (Voluntary Retirement Scheme- VRS) आजकल यूथ सोचते हैं कि वे काम से जल्दी ही रिटायर हो जाएंगे और दुनिया घूमेंगे या फिर अपने पसंद का काम करेंगे। पर क्या आप जानते हैं कि नॉर्मल रिटारयमेंट और समय से पहले रिटायरमेंट यानी की वीआरएस का क्या मतलब है इस लेख की मदद से जानेंगे कि दोनों में क्या फर्क है और दोनों एक दूसरे से कैसे अलग हैं (Difference between voluntary retirement and normal retirement) ।

वॉलेंट्री रिटायरमेंट (Voluntary Retirement Scheme- VRS)

आपने ये तो जरूर सुना होगा कि नौकरी करने के बाद रिटायरमेंट लेने की उम्र 58 से 60 साल की होती है। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते हैं कुछ कारणों से समय से पहले रिटायरमेंट ले लेते हैं। (Difference between voluntary retirement and normal retirement) या फिर उनके जीवन में कोई ऐसी स्थिति आ जाती है कि वो नौकरी को जारी नहीं रख पाते हैं, तो वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्त योजना (Voluntary Retirement Scheme- VRS) के तहत रिटायरमेंट ले लेते हैं जिसे ही वॉलेंट्री रिटायरमेंट (Voluntary Retirement) कहते हैं।

नॉर्मल रिटायरमेंट (Normal retirement)

सरकारी नौकरी हो या फिर प्राइवेट फर्म हर प्रोफेशन में काम करने के लिए उम्र तय की गई होती है। एक उम्र के बाद वह व्यक्ति काम को छोड़ कर घर में समय देने की चाहत रखता है। (Difference between voluntary retirement and normal retirement) परिवार के साथ घूमने जाना, पसंद की चीजें करना, काम से आराम लेना चाहता है। ऐसे में वह व्यक्ति सेवानिवृत्त यानी रिटायरमेंट के बारे में सोचता है और वह 60- 62 साल में रिटायर होता है।

वीआरएस के फायदे

  • कर्मचारियों को पीएफ, ग्रेच्युटी और कंपनी की पॉलिसी के अनुसार वेतन मिलती रहती है।
  • एकमुश्त रकम मिलने से कर्मचारी इसका इस्तेमाल अपने हिसाब से कर सकता है।
  • वीआरएस के तहत मिलने वाली 5 लाख रुपए तक की रकम टैक्स फ्री होती है।
  • जिस साल मुआवजा मिलता है, उस साल इसका दावा कर सकते हैं।

क्या कहती है रिपोर्ट्स

एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में आईएएस अफसर रेणुका कुमार ने वीआरएस लिया था बता दें कि रेणुका कुमार 1987 बैच की आईएएस हैं। उनके अलावा 1988 बैच की आईएएस अफसर जूथिका पाटणकर ने भी वीआरएस से कार्य मुक्ति ली थी। 2003 बैच के आईएएस अफसर विकास कोठवाल ने स्वास्थ्य कारणों से वीआरएस लिया और गुरला श्रीनिवासुलु ने भी 2022 में वीआरएस ले लिया था।

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Rishita Diwan

Content Writer

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