आजकल SIP (Systematic Investment Plan) में इनवेस्टमेंट का ट्रेंड आजकल काफी पॉपुलर है। आप किसी भी इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट के पास जाएंगे तो वो आपको जरूर निवेश के मामले में SIP लेने की सलाह जरूर देंगे। दरअसल SIP के जरिए आप किसी भी तरह के म्यूचुअल फंड में निवेश आसानी से कर पाते हैं। वहीं इसके कई फायदे हैं। SIP में निवेश कर आप ज्यादा फायदा लेकर ज्यादा रकम जुटा पाते हैं। अच्छी बात ये है कि SIP को सिर्फ 500 रुपए से भी शुरू किया जा सकता है। इस फील्ड की जानकारी रखने वाले ज्यादातर लोग ये मानते हैं कि SIP से कम समय में ज्यादा पैसा बना सकते हैं। हालांकि लोगों के मन में ये सवाल जरूर आता है कि आखिर SIP से इतना फायदा कैसे मिलता है और इसमें क्यों निवेश करने की सलाह दी जाती है। तो इस सवाल का जवाब हम दे रहे हैं।
बड़ी रकम कम समय में होती है तैयार
जब कोई व्यक्ति किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करता है तो उसे कुछ यूनिट्स अलॉट होते हैं। इसे Example के तौर पर समझ सकते हैं। कि किसी एक म्यूचुअल फंड का NAV यानी Net Asset Value अगर 20 रुपए होता है और उसने उस म्युचुअल फंड में 1000 रुपए का निवेश किया, तो व्यक्ति को 50 यूनिट्स अलॉट होंगे। अब जैसे-जैसे म्यूचुअल फंड की NAV बढ़ती जाएगी वैसे -वैसे निवेश किया हुआ पैसा भी बढ़ता जाएगा। अगर म्यूचुअल फंड की NAV 35 रुपए की होती है, तो निवेश वाले व्यक्ति के 50 यूनिट्स की कीमत बढ़कर 1750 रुपए होगी। इस तरह SIP के जरिए कम समय में ज्यादा पूंजी तैयार हो जाएगी।
SIP के फायदे
- फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स कहते हैं कि SIP का पहला फायदा ये है कि SIP के जरिए निवेश करने में इन्वेस्टमेंट पीरियड और अमाउंट को लेकर फ्लैक्सिबिलिटी होती है। इसमें निवेश करने वाला अपनी सुविधा के हिसाब से निवेश की अवधि मंथली, क्वाटरली और हाफ ईयरली का ऑप्शन चुन सकता है। इसके अलावा जब जरूरत पड़े इसे रोककर अपना एसआईपी का पैसा निकाल सकते हैं।
- समय-समय पर निवेश करते जाते हैं रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का भी फायदा मिलता है। अगर मार्केट में गिरावट है और निवेश करने वाले को अपना पैसा ज्यादा यूनिट्स में मिलेंगे। साथ ही मार्केट में तेजी आने पर अलॉट होने वाले यूनिट्स की संख्या कम होती जाती है।
- मार्केट में उतार-चढ़ाव की स्थिति में भी खर्च औसत भी बना रहता है। यानी कि मार्केट में गिरावट आने पर भी निवेश लॉस में नहीं जाता है। ऐसे में जब मार्केट में तेजी आती है, तो निवेश करने वाला व्यक्ति अपने औसत निवेश पर ही बेहतर रिटर्न पा सकता है।
- SIP में कम्पाउंडिंग का फायदा भी काफी अच्छा मिलता है। इसलिए SIP लंबे समय के लिए होनी चाहिए। ये जितना लंबे समय के लिए होगी कम्पाउंडिंग का फायदा उतना ही ज्यादा मिलेगा। कम्पाउंडिंग के तहत केवल उसी रकम पर रिटर्न नहीं मिलता है जिसे निवेश किया गया है, बल्कि पहले के मिले रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता है।
- SIP के जरिए आप निश्चित समय के लिए बचत करना सीख जाते हैं साथ ही उस रकम की बचत करने के बाद ही आप बाकी खर्चों की ओर देखते हैं। ये एक तरह से आपको अनुशासित निवेश की तरफ ले जाता है।
Positive सार
आज के समय में बचत सबसे जरूरी चीजों में एक हो गया है। ऐसे में SIP निवेशकों के बीच काफी पसंद किया जाता है। लेकिन इन सभी बातों में सबसे जरूरी है सही का चुनाव करना। आप निवेश करते समय सही से जांच पड़ताल करने के बाद ही ऐसे निवेश की तरफ कदम बढ़ाएं।