

एक बड़ी प्रसिद्ध कहावत है कि बच्चे गीली मिट्टी के समान होते हैं। उन्हें जैसा आकार दो वे वैसे ही ढल जाते हैं। इसीलिए अभिभावक, शिक्षक या ग्रैंड पैरेंट्स अक्सर बच्चों को अच्छी आदतों को सीखाने की कोशिशों में लगे होते हैं। पर हर बार बच्चों को सिखाना जरूरी नहीं है। बालमन से कुछ सीखना भी आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगा। जानते हैं छोटे बच्चों की किन आदतों से हमें कुछ सीखने की जरूरत है।
आत्म-संदेह का गुण नहीं होना
आत्मविश्वास वह कला होती है जो मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों को भी सही रास्ते का परिचय करवाती है। अक्सर देखा जाता है कि घरों में दीपावली की सफ़ाई होती है तो छोटे-छोटे बच्चे बड़े उत्साह के साथ उसका हिस्सा बनते हैं। बच्चे अपनी क्षमता से अधिक बोझ उठाने की कोशिश में लग जाते हैं। वे बड़ों को कोई कोई काम करते देखते हैं खुद से ही उनका हाथ बंटाने की कोशिश करने लगते हैं। बच्चों का यह आत्मविश्वास यह सिखाता है कि किसी कार्य के लिए खुद को आत्मविश्वासी बनाएं। इसके अलावा खुद से उत्पन्न हुई मदद की भावना भी आपको दयालु बनाती है जिसकी वजह से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
मेल-मिलाप और द्वेषरहित भावना
मॉल, रेस्तरां या किसी पारिवारिक समारोह में छोटे बच्चे आसानी से किसी से भी घुल-मिल जाते हैं। हमउम्र के साथ मिलने पर उत्साहित होते हैं। अपनी खुशी जाहिर करते हैं। मेल-मिलाप बढ़ाने का प्रयास करते हैं। बच्चों का यह गुण किसी को अकेला महसूस नहीं करवाता है। साथ ही बच्चों में किसी के लिए भी ईर्ष्या भाव नहीं होती है। जिससे वे समानता का पाठ हर किसी को पढ़ाते हैं। बच्चों से यह भावना हर किसी को सीखनी चाहिए।
जिज्ञासा और ऊर्जा
बच्चे लगातार सीखने और जानने के प्रोसेस में रहते हैं। बच्चों का यह गुण आपको ऊर्जावान रहने की सीख देता है। हम सभी के साथ ऐसा ही होता है कि हम सीखना तो हम भी बहुत कुछ चाहते हैं लेकिन सीख नहीं पाते हैं क्योंकि हमारे सीखने में और बच्चों के सीखने में काफी अंतर होता है। कोशिश करें कि बच्चों के इस गुण को एडॉप्ट कर सकें।