Heart Attack और स्ट्रोक आजकल काफी आम बात हो गई है। 20 में 1 व्यक्ति को ये समस्या होने लगी है। इसके लिए अब उम्र की बाध्यता भी धीरे-धीरे खत्म होने लगी है। 6 साल के बच्चे से लेकर 35 साल के व्यक्ति को भी चलते-फिरते दिल का दौरा पड़ने की घटना देखी जा सकती है। इसके लिए अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने LS7 पॉइंटर्स की एक लिस्ट जारी की है। जो कि हार्ट को हेल्दी रखने में बेहतर ढंग से काम करेगा इससे आप अपने हार्ट को मैनेज कर सकत हैं। इसके लिए जानना जरूरी है कि LS7 पॉइंटर्स क्या है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने इस 7 प्वाइंट्स वाली लिस्ट में बताया है कि कैसे दिल को ट्रैक और फॉलो करने से हार्ट को बेहतर तरीके से सपोर्ट करने में मदद मिल सकती है। इस LS7 के पहली बार पब्लिश होने के बाद से इन मेट्रिक्स और हृदय रोग के खतरों के बीच एक मजबूत रिलेशन बन गया है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं, दरअसल इन नियमों का पालन करने से स्ट्रोक, मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (एमआई), कोरोनरी हार्ट डिसीज (सीएचडी) एवं अन्य हृदय संबंधी परिणामों के जोखिम से सुरक्षा मिल सकती है।
LS7 लेवल को ट्रैक पर लाएंगे ये 7 आसान टिप्स
रिसर्च कहती है कि जो लोग 7 में से 3 से 4 हेल्दी लेवल को हासिल करते हैं उनमें हार्ट से रिलेटेड मृत्यु का जोखिम 50% से भी कम रह जाता है। एक बार जब आप अपने रिस्क इंडिकेटर्स की जांच कर लेते हैं, तो हार्ट डिसिज के विकास की संभावनाओं को कम करने के लिए अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर सकते हैं।
पूरी तरह से धूम्रपान छोड़ दे (Quit smoking)
स्मोकिंग को वैसे भी हार्ट और लंग्स के लिए काफी खराब माना जाता है, तो अगर आप इसे छोड़ते हैं जो पहले 5 सालों में ही कोरोनरी आर्टरी डिसीज़ (सीएडी) का रिस्क काफी कम हो जाता है। स्मोकिंग छोड़ने के 1 से 2 साल के अंदर ही इस जोखिम में सबसे तेजी से गिरावट देखने को मिलती है, जो कि लगातार जारी रहती है।
फॉलो हेल्दी डाइट (follow healthy diet)
अपने दिल को हेल्दी रखने के लिए एक हेल्दी डाइट को फॉलो करना सबसे जरूरी आदत है। ये ताजे फल और सब्जियों, विशेष रूप से पत्तेदार साग, फाइबर, साबुत अनाज, स्वस्थ वसा, हल्का प्रोटीन, मछली, नट्स और बीजों से मिलता है। अगर आप शराब का इस्तेमाल करते हैं तो इसकी मात्रा को कम करना बेहतर होगा। इसके साथ ही प्रोसेस्ड फूड, सैचुरेटेड फैट, चीनी और नमक के इस्तेमाल से भी खुद को बचाएं।
कोलेस्ट्रॉल लेवल का रखें ख्याल (Maintain cholesterol level)
उच्च कोलेस्ट्रॉल का बैलेंस नहीं होने से आर्ट्रिस में प्लाक जमा करने का कारण बन सकता है और इसके परिणामस्वरूप स्ट्रोक और हार्ट से रिलेटेड बीमारियां बढ़ने की संभावना तेज हो जाती है।
ब्लड शुगर को रखें मेंटेन (Maintain blood sugar)
अगर आपको शुगर है या फिर आप प्री-डायबिटिक हैं, तो अपने ब्लड शुगर के लेवल को बैलेंस्ड रखना बेहद जरूरी है। हाल ही में एक रिसर्च में ये बात सामने आयी है कि अगर ब्लड शुगर का लेवल मामूली से कुछ हाई होता है, तो हृदय रोग विकसित होने का खतरा 30 से 50% तक बढ़ जाती है।
वजन की काफी भूमिका
बढ़ा वजन काफी हद तक शरीर को बीमार ही करती है। अगर आपके BMI लेवल के मुताबिक आपका वजन ज्यादा है या फिर आपमें अधिक मोटापा है तो जरूरी है कि लाइफस्टाइल में बदलाव किया जाए। डाइट और एक्सरसाइज को अपनाना बेहद जरूरी है। ऐसा माना जाता है कि हार्ट संबंधी जोखिम कारकों में मोटापा प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार होता है।
एक्सरसाइज हो लाइफ का पार्ट
नियमित रूप से व्यायाम सिर्फ हृदय की मांसपेशियों को ही मजबूत नहीं करता है बल्कि कोलेस्ट्रॉल के लेवल भी कम करने का काम करता है साथ ही ये ब्लड शुगर को भी मेंटेन करने में सहायक साबित होता है। यह वजन घटाने में मददगार होता है। ये सभी आदतें एलएस7 (BMI, फिजिकल एक्टिविटी, कोलेस्ट्रॉल, ब्लडप्रेशर और सीरम ग्लूकोज् स्तर) में से 5 को टार्गेट करने का काम करता है।

