हाल ही में एक अमेरिकन यूनिर्वसिटी ने एक रिसर्च को पब्लिश किया जिसमें इस बात का जिक्र है कि खुश रहने वाले लोग तेजी से ग्रोथ करते हैं। वे हर मायने में सफल और सैटिसफाइड रहते हैं। इस रिसर्च में ये भी कहा गया है कि अगर मानसिक और शारीरिक दोने तरह की हेल्दी लाइफ चाहिए तो खुश रहना सीखिए। खुशी को लेकर हाल के दिनों में कई रिसर्च और शोध हुए हैं पर रिपोर्ट ने तो ये भी कहा कि खुश रहने वाले लोगों का जीवन ज्यादा लंबा होता है। वे कई तरह की बीमारियों से लड़ने में सक्षम होते हैं। ऐसे में खुश रहना हमारी लाइफ का एक मोटिव होना चाहिए। आज इस लेख के जरिए हम आपको उस देश के बारे में बताएंगे जो दुनिया का सबसे खुश देश है। वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स में इसे पहला स्थान मिला है।
लैंड ऑफ हैप्पीनेस- नीदरलैंड
हाल ही में जारी हुए वर्ल्ड हैपीनेस इंडेक्स 2023 के मुताबिक फिनलैंड को दुनिया का सबसे खुशहाल माना गया है। फिनलैंड लगातार छठे साल इस सूची में नंबर वन पर काबिज है। दूसरे नंबर पर डेनमार्क और आइसलैंड तीसरे स्थान पर रखा गया है। 150 देशों की सूची में भारत का नंबर 126वें पर आता है।
दुनिया का सबसे खुशहाल देश फिनलैंड
ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स में लगातार छठे साल पहले नंबर पर रहना वाकई एक उपलब्धि है। ये टाइटल निश्चित तौर पर फिनलैंड को दुनिया के बाकी देशों से अलग करता है। फिनलैंड के लोगों के खुश रहने के कई वजहें हैं। इसका एक प्रमुख कारण है फिनलैंड की आबादी। आबादी कम होने के कारण लोगों को मिलने वाली सुविधाएं काफी अच्छी हैं।
Worldometer के आंकड़े कहते हैं कि 22 मार्च, 2023 तक फिनलैंड की आबादी 5,564,041 थी, जो कि दुनिया की कुल आबादी का 0.07 फीसदी ही है। फ़िनलैंड के दार्शनिक और मनोविज्ञान के शोधकर्ता, फ्रैंक मार्टेला के मुताबिक, फ़िनलैंड के लोग इतने खुश इसलिए हैं क्योंकि वे अपने पड़ोसियों से अपनी तुलना नहीं करते हैं। साथ ही वे प्रकृति से मिलने वाले लाभ नज़रअंदाज़ नहीं करते हैं और न ही विश्वास का कम्यूनिटी सर्कल तोड़ते हैं। मार्टेला बताते हैं कि सफल दिखने पर कम और जो आपको खुश करता है उस पर अधिक ध्यान फिनलैंड के लोग देते हैं। फिनलैंड अपनी खुशी के ज्ञान को साझा करने के लिए भी काफी तत्पर रहता है। फिनलैंड ने अपने यहां आने वाले पर्यटकों को आंतरिक खुशी खोजने में मदद करने के लिए एक मुफ्त “खुशी का मास्टरक्लास” देता है।
क्या कहती है वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट?
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क के द्वारा जारी होता है। ये रिपोर्ट 150 से अधिक देशों में लोगों के वैश्विक सर्वेक्षण डेटा पर बेस्ड होता है।
रिपोर्ट विभिन्न देशों के लोगों के औसत जीवन मूल्यांकन के आधार पर 150 से अधिक देशों को रैंक करने में मदद करने के लिए छह प्रमुख कारकों का इस्तेमाल करती है।
सामाजिक मदद आय हेल्थ फ्रीडम दयालुता भ्रष्टाचार की गैरमौजूदगी इन कारणों का इस्तेमाल कर हर देश में जनसंख्या के शीर्ष और निचले आधे हिस्से के बीच खुशी के गैप की जांच की जाती है। हैप्पीनेस इंडेक्स सबसे पहले ग्लोबल हैप्पीनेस काउंसिल ने बनाया था। जो इंडीपेंडेंट अकेडमिक हैप्पीनेस स्पेशलिस्ट्स का एक समूह है। 2012 से इस ग्रुप ने हर साल वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट (WHR) जारी की है।