

आमतौर पर माना जाता है कि टेंशन लेने से तनाव बढ़ता है। इसलिए डॉक्टर काम पर भी कम तनाव लेने की सलाह देते हैं। लेकिन आपको बता दें कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में थोड़ा तनाव लेने में ही भलाई है। इससे दिमाग यंग बना रहता है। इतना ही नहीं, बल्कि यह बुढ़ापे की बेहतरी में सहायक है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। आपको याद दिला दें कि 1990 के दशक में तनाव को सेहत के लिए फायदेमंद नहीं समझा जाता था।
तनाव से बढ़ती है इम्यूनिटी
आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि मामूली तनाव का हमारे इम्यून सिस्टम पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आज की दुनिया में छोटे तनाव बेहद महत्वपूर्ण हैं। उदाहरण के लिए, एक एथलीट को आगामी दौड़ के बारे में घबराहट होना चाहिए। यह हृदय और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। हल्का शारीरिक और मानसिक तनाव दोनों ही रक्त में इंटरल्यूकिन नामक केमिकल उत्पन्न करते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करता है। यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
दिमाग की कम होती है उम्र
ताजा रिसर्च के मुताबिक,दिमाग का आकार 40 साल के बाद एक दशक में लगभग 5 फीसदी की दर से घटता है। 70 साल की उम्र के बाद गिरावट की दर और बढ़ जाती है। दिमाग की यह सिकुड़न ऐसे बुजुर्ग में 4 साल तक कम हो जाती है, जो नियमित व्यायाम करते हैं। साल 2013 के शोध की मानें तो थोड़ा तनाव लेने से शरीर में कोर्टिकोस्टेरोन नामक स्ट्रेस हार्मोन बनता है जो मानसिक क्षमता बढ़ाता है और इससे सीखने में आसानी होती है।
इसके अलावा, शोधों की मानें तो सीमित मात्रा में तनाव से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स बढ़ते हैं जिससे डीएनए और आरएनए का बचाव होता है लेकिन तनाव अधिक होने पर इसका नकारात्मक प्रभाव भी कोशिकाओं को झेलना पड़ सकता है।

