Chemicals in Cosmetics: क्या आपके प्रोडक्ट में भी है ये कैमिकल?

Chemicals in Cosmetics: आज हर कोई खूबसूरत और अपनी उम्र से कम दिखना चाहता है और इसके लिए बहुत से कॉस्मेटिक्स यूज करते हैं। पहले नेचुरल रेमेजी से स्किन और हेयर केयर किया जाता था लेकिन अब इसकी जगह महंगे कॉस्मेटिक्स ने ले ली है। लेकिन क्या आपको पता है कि इन प्रोडक्ट्स में कौन-कौन से केमिकल्स और हानिकारक तत्व होते हैं (chemicals in cosmetics) और इनका हमारी स्किन और बालों पर क्या इफेक्ट पड़ता है? यहां हम आपको कुछ ऐसे इंग्रेडिएंट्स के बारे में बता रहे हैं, जो आपके लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।

पैराबेन

पैराबेन लगभग सभी ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होता है ताकि उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सके। खासकर स्किन केयर और हेयर केयर प्रोडक्ट्स में पैराबेन पाया जाता है। इसके लगातार इस्तेमाल से स्किन में एलर्जी और सेंसिटिव स्किन वालों को रिएक्शन हो सकता है। प्रोडक्ट में मिथाइल, प्रोपाइल, ब्यूटाइल या इथाइल पैराबेन के नाम देखें और ऐसे इंग्रेडिएंट्स से बचें।

थैलेट

थैलेट एक केमिकल कंपाउंड है, जो प्रोडक्ट्स को लचीला बनाए रखता है। यह नेल पेंट और हेयर स्प्रे में पाया जाता है। इसका असर जी मिचलाना, आंखों में जलन, स्किन रिएक्शन और सांस संबंधी दिक्कतों में दिख सकता है।

पॉलीइथाइलीन ग्लाइकॉल्स (PEGs)

PEGs का उपयोग स्किनकेयर और हेयर कलर प्रोडक्ट्स में होता है। इनमें एथिलीन ऑक्साइड और 1,4-डाइऑक्सेन जैसे केमिकल्स शामिल होते हैं, जो सांस संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

सोडियम लॉरिल सल्फेट (SLS)

SLS और SLES का उपयोग फेस वॉश, शॉवर जेल जैसे फोम वाले प्रोडक्ट्स में होता है। ये संवेदनशील त्वचा पर जलन और खुजली पैदा कर सकते हैं।

मिनरल ऑयल्स

मिनरल ऑयल्स का उपयोग क्रीम, लोशन और तेलों में फिलर के रूप में होता है। यह त्वचा के रोमछिद्रों को बंद कर सकता है, जिससे मुंहासे और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

ट्राइक्लोसन

यह एक सिंथेटिक एंटीबैक्टीरियल एजेंट है, जो साबुन, डिओड्रेंट, फेस वॉश आदि में उपयोग किया जाता है। रिसर्च बताती है कि इसका नियमित उपयोग हानिकारक हो सकता है।

ब्लैक कार्बन

ब्लैक कार्बन का उपयोग काजल, मस्कारा और आईलाइनर में किया जाता है। FDA ने इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है, क्योंकि यह आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है।

प्रोपिलीन ग्लाइकोल

प्रोपिलीन ग्लाइकोल लगभग सभी प्रोडक्ट्स में पाया जाता है, जो नमी को बनाए रखने में सहायक है। लेकिन इससे त्वचा में एलर्जी और डर्मेटाइटिस की समस्या हो सकती है।

ब्यूटी प्रोडक्ट्स का एक बड़ा मार्केट तैयार हो चुका है, और इनमें कई हानिकारक केमिकल्स यूज किए जाते हैं। इसलिए, प्रोडक्ट्स के लुभावने विज्ञापनों से प्रभावित होने के बजाय, अपनी त्वचा की जरूरतों को ध्यान में रखकर ही प्रोडक्ट चुनें और उसके इंग्रेडिएंट्स की जानकारी जरूर पढ़ें।

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Rishita Diwan

Content Writer

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