Chamomile Tea Specialty: आपने ये बात तो जरूरी सुनी होगी कि चाय को चाहने वाले कई होते हैं। कोई मसाला चाय का दिवाना होता है तो कोई ब्लैक टी का वहीं हेल्थ कॉन्शियस लोग लेमन टी और ग्रीन टी जैसी चाय प्रीफर करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी Chamomile Tea के बारे में सुना है। जानकारों का मनना है कि ये हर्बल और हेल्दी दोनों होते हैं, जानते हैं क्या है Chamomile Tea और इसकी खेती कहां और कैसे की जाती है….
हेल्दी ड्रिंक के रूप में प्रचलित
भारत में उगाई जाने वाली चाय का लगभग 80 प्रतिशत देश में ही इस्तेमाल की जाती है। वहीं अगर Chamomile Tea की बात करें तो इसे काफी हेल्दी माना गया है। ये स्वाद में भी काफी अच्छा होता है। समय के साथ कैमोमिल चाय की मांग भी तेजी से बढ़ी है।
कैमोमाइल का ओरिजिन हर्ब यानी कि जड़ी बूटी को माना गया है। ये एक तरह का फूल होता है, कैमोमाइल चाय को कैमोमिल नाम के फूलों की मदद से तैयार की जाती है। Chamomile चाय में शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं। इसमें कैफीन बिल्कुल नहीं होता है और स्वाद में ये हल्का मीठा होता है। कैमोमाइल चाय में एंटी-इंफ्लेमेटरी और फ्लेवोनोइड एलिमेंट्स होते है। कैमोमाइल के इस्तेमाल से हेल्थ रिलेटेड परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है। कैमोमाइल चाय हार्ट के लिए भी लाभदायक मानी जाती है। साथ ही इसके इस्तेमाल से डायबिटीज को भी कंट्रोल किया जा सकता है।
कैमोमिल की खेती
कैमोमाइल का ओरिजिन यूरोपियन माना जाता है। कैमोमाइल को चाय के अलावा हर्बल ट्रिटमेंट और स्किन केयर के लिए बनने वाले प्रोडक्ट्स में भी किया जाता है। ये दो तरह के होते हैं जर्मन और रोमन। कैमोमाइल पौधों को बीज के सहारे उगाया जाता है। इसके बीज बहुत ही हेल्दी होते हैं यही वजह है कि इसके एक हजार बीजों का वजन 0.088 से 0.153 ग्राम तक भी होता है। इसे दो तरह से उगाया जाता है। सीधी बुआई और इसकी नर्सरी तैयार करके। फसल की बात करें तो ताजे फूलों की पैदावार 3500 से 4000 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक होती है।
Positive सार
ठंड के मौसम हो या फिर किसी से मिलने-मिलाने की बात चाय के बिना ये अधूरी लगती है। हालांकि भारत एक ऐसा देश है जहां चाय की मांग सर्दी, गर्मी या फिर किसी मौसम के हिसाब से नहीं बल्कि मन के हिसाब से होती है। यही वजह है कि यहां चाय की खेती और मांग दोनों समय के साथ बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही लोग अब हेल्थ के प्रति भी अवेयर होने लगे हैं और ऐसी स्थितियों ने भारत में भी कैमोमिल चाय की मांग को तेजी से बढ़ाया है।