Cardiac Arrest आने पर किन चीजों को करने से बचना चाहिए?

Cardiac Arrest: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ट्विटर (अब X) पर कार्डियक अरेस्ट से संबंधित एक पोस्ट शेयर किया है। जिसमें ये बताया गया है कि किसी को कार्डियक अरेस्ट आने पर किन गलतियों से सावधानी बरतनी चाहिए। सरकार के मुताबिक पीड़ित को हिलाया नहीं जाना चाहिए और उसके चेहरे पर टैप करने से बचना चाहिए। वहीं मंत्रालय ने कार्डियक अरेस्ट झेलने वाले शख्स की गर्दन स्थिर रखने की बात भी कही है। जानते हैं क्या होता है कार्डियक अरेस्ट और क्या हैं इसके लक्षण और सावधानी के तरीके।

क्या है कार्डियक अरेस्ट?

कार्डियक अरेस्ट एक गंभीर चिकित्सा आपात स्थिति है जिसमें हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है, जिससे रक्त प्रवाह रुक जाता है और शरीर के महत्वपूर्ण अंगों तक ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं पहुंच पाता। यह स्थिति अचानक होती है और यदि तुरंत उपचार न मिले तो यह घातक साबित हो सकती है।

गंभीर होती है स्थिति

कार्डियक अरेस्ट का कारण अक्सर हार्ट में गड़बड़ी होती है, जिससे अनियमित या असामान्य हृदय धड़कन (अरिदमिया) होती है। अरिदमिया के परिणामस्वरूप हृदय प्रभावी ढंग से पंप करने में असमर्थ हो जाता है, जिससे रक्त प्रवाह रुक जाता है।

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण

  • व्यक्ति अचानक बेहोश हो जाता है और किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं देता।
  • व्यक्ति सांस लेना बंद कर देता है या सांस बहुत धीमी और अनियमित हो जाती है।
  • हृदय की धड़कन महसूस नहीं होती।

कार्डियक अरेस्ट आने पर क्या नहीं करना चाहिए?

  • कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) के दौरान समय कीमती होता है, और तत्काल कार्रवाई जीवन बचाने के लिए महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो कार्डियक अरेस्ट के समय नहीं करनी चाहिए:
  • किसी भी आपात स्थिति में घबराना समस्या को बढ़ा सकता है।
  • शांत रहना और सोच-समझकर कार्य करना महत्वपूर्ण है।
  • अगर आपको संदेह है कि किसी को कार्डियक अरेस्ट हुआ है, तो उसे अकेला न छोड़ें।
  • संभव हो, तो किसी और को सहायता के लिए बुलाएँ और आपातकालीन सेवाओं को तुरंत कॉल करें।
  • कार्डियक अरेस्ट के मामले में सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) और एईडी (ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर) का उपयोग जीवन रक्षक हो सकता है।
  • अगर आपको सीपीआर करना आता है, तो तुरंत शुरू करें और किसी से एईडी लाने के लिए कहें।
  • प्रभावित व्यक्ति को हिलाना या डुलाना नहीं चाहिए। इससे स्थिति और खराब हो सकती है। व्यक्ति को एक स्थिर स्थिति में रखें और उसकी सांस और नाड़ी की जाँच करते रहें।
  • यदि आप सीपीआर कर रहे हैं और आपको मुँह-से-मुँह सांस देने में सहज नहीं हैं, तो भी सीपीआर करना जारी रखें।
  • मुँह-से-मुँह सांस देने से बचने के बावजूद भी सीपीआर का लाभ मिलता है।
  • यह सोचकर कि पानी छिड़कने से व्यक्ति होश में आ जाएगा, यह करना बेकार है और कीमती समय की बर्बादी है।

सही कदम उठाना

  • जैसे ही आपको संदेह हो कि किसी को कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) हुआ है, तुरंत आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें।
  • यदि आपको सीपीआर का ज्ञान है, तो तुरंत शुरू करें। हर सेकंड कीमती होता है और सीपीआर से रक्त प्रवाह को बनाए रखा जा सकता है।
  • यदि पास में एईडी उपलब्ध है, तो इसे उपयोग करने का प्रयास करें। एईडी कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में हृदय को झटका देने के लिए डिजाइन किया गया है और इसे इस्तेमाल करना काफी सरल है।

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अंत में

कार्डियक अरेस्ट एक अत्यंत गंभीर और जीवन-धमकी देने वाली स्थिति है, जिसमें तत्काल और सही कार्रवाई की आवश्यकता होती है। समय पर और सही कदम उठाने से जीवन बचाया जा सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि लोग इस स्थिति को समझें और आपात स्थिति में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इस पर अच्छी जानकारी रखें। उचित ज्ञान और त्वरित प्रतिक्रिया किसी की जान बचा सकती है और इसे रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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Rishita Diwan

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