Cancer Treatment: कैंसर के इलाज की दिशा में भारतीय रिसर्चर्स को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। इससे कैंसर की दवा सस्ती मिलेगी। साथ ही दोबारा कैंसर होने का खतरा भी ये दवा कम करेगी। जानते हैं कौन हैं ये भारतीय वैज्ञानिक, जिन्होंने मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में ये अहम सफलता हासिल की है। साथ ही कैंसर की सस्ती दवा के बारे में भी आपको पूरी जानकारी देंगे।
इस संस्थान ने बनाई है कैंसर की सस्ती दवा
Cancer Treatment के लिए मुंबई स्थिति टाटा इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों ने दवा बनाई है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस दवा से कैंसर की चौथी और लास्ट स्टेज यानी कि मेटास्टेटिक कैंसर (Metastatic Cancer) का इलाज आसान होगा। बता दें कि मेटास्टेटिक कैंसर को स्टेज 4 कैंसर कहते हैं जिसमें कैंसर सेल्स (cancer cells) बॉडी के दूसरे हिस्सों में पहुंच जाती है।
कैंसर की सस्ती दवा के बारे में
मेटास्टेटिक कैंसर के रिस्क को खत्म करने के लिए ही ये दवा बनाई गई है। इंस्टीट्यूट के डॉक्टर्स ने ‘न्यूट्रास्युटिकल थेरेपी’ (Nutraceutical Therapy) डेवलप की है। इसमें रेसवेरेट्रॉल और कॉपर की कॉम्बीनेशन प्रो-ऑक्सिडेंट टैबलेट को यूज किया जाएगा।
दोबारा नहीं होगा कैंसर
Cancer Treatment के लिए बनाई गई इस सस्ती दवा के सटीक फायदे बताए गए हैं। जैसे कि चौथी स्टेज के कैंसर को रिस्क को कम करने में मदद होगी। बता दें कि अभी तक कैंसर के पूरे इलाज के बाद भी कैंसर सेल्स शरीर पर फिर से फैल जाती है। लेकिन अब इस दवा के जरिए ऐसा होने से रोका जा सकेगा।
क्या कहते हैं रिसर्चर्स?
एडवांस सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर (ACTREC) अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि, इसके लिए पहले चूहो पर शोध किया गया। चूहों की बॉडी में इंसानों की कैंसर कोशिकाओं को डालकर शोध का काम पूरा हुआ है। डॉक्टर्स ने पाया कि कुछ दिन बाद चूहों में कैंसर डेवलप हो गया। बाद में रेडिएशन, कीमोथैरेपी और सर्जरी के जरिए उनका इलाज डॉक्टर्स ने किया। डॉक्टर ने चूहों को ‘न्यूट्रास्युटिकल थेरेपी’ के तहत रेसवेरेट्रॉल और कॉपर (तांबा) की कंबाइन प्रो-ऑक्सिडेंट टैबलेट से इलाज किया, जिसके अलग और अप्रत्याशित परिणाम दिखाई दिए।
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सिर्फ 100 रुपए में होगा कैंसर का इलाज
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (Tata Institute of Fundamental Research) की इस रिसर्च में दावा है कि रेसवेरेट्रॉल और कॉपर (तांबा) की कंबइन प्रो-ऑक्सिडेंट टैबलेट से शरीर में क्रोमेटिन कणों को बेअसर किया जा सकेगा। यही क्रोमेटिन कण शरीर में फिर से कैंसर होने के खतरे को पैदा करता है। इस मेथड से कैंसर की सस्ती दवाई उपलब्ध होगी। यह टैबलेट बाजार में सिर्फ 100 रुपए में मिलेगी। ये दवा कैंसर को खत्म करने के लिए की जाने वाली कीमोथैरेपी के साइड इफेक्ट भी कम करने का काम करेगी। साथ ही दूसरी बार कैंसर होने के डर को भी खत्म करेगी। FSSAI के मंजूरी के बाद ये आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी।
Positive सार
Cancer Treatment कई तरह से इंसान को निराश कर देती है। ये एक व्यक्ति के साथ-साथ पूरे परिवार को प्रभावित करती है। ऐसे में सस्ती दवाई और इलाज एक नई उम्मीद जगाती है। टाटा इंस्टीट्यूट का कैंसर इलाज पर किया गया शोध हेल्थ सेक्टर में मील का पत्थर साबित होगी।