Bird Flu in Chhattisgarh : गत दिनों में प्रदेश में बर्ड फ्लू का मामला सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने स्थिति पर निगरानी रखने और खतरे को टालने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया टीम (रेपिड रिस्पांस टीम) का गठन किया है।
पशु चिकित्सा विभाग और वन विभाग की इस रेपिड रिस्पांस टीम पोल्ट्री फार्मों, वन क्षेत्रों और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के उपायों को लागू करेगी। इससे बर्ड फ्लू के खतरे को रोकने में मदद मिल सकती है और बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।
इस अर्टिकल में पढ़िए बर्ड फ्लू से बचने के लिए आप कैसे सतर्क रह सकते हैं?
छत्तीसगढ़ में बर्ड फ्लू के खतरे को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों पर आधारित है। सरकार और संबंधित विभागों ने नागरिकों, पोल्ट्री कारोबारियों और पर्यटकों से सावधानी बरतने की अपील की है।
क्या होता है बर्ड फ्लू?
बर्ड फ्लू (Avian Influenza) एक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करती है। यह बीमारी इन्फ्लुएंजा वायरस के कारण होती है, जो पक्षियों में विभिन्न प्रकार के लक्षण उत्पन्न कर सकती है। इस वायरस के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें कुछ पक्षियों के लिए खतरनाक होते हैं और कुछ मानवों को भी संक्रमित कर सकते हैं। जब मनुष्य इन्हीं संक्रमित पक्षियों से सीधे संपर्क करते हैं या उनके दूषित अंगों, मांस, या अंडों को खाते हैं, तो वायरस मानव शरीर में प्रवेश कर सकता है।
बर्ड फ्लू के लक्षण?
इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में परेशानी, और कभी-कभी गंभीर श्वसन संक्रमण शामिल हो सकते हैं। चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें।
राज्य सरकार की अपील
- मृत पक्षी न छूने और सूचना देने की अपील – यदि कोई मृत पक्षी देखा जाए, तो उसे छूने की बजाय संबंधित विभाग को सूचना देने की सलाह दी गई है।
- पोल्ट्री फार्मों को सफाई और सैंपलिंग करवाने का निर्देश – पोल्ट्री फार्म संचालकों को अपने फार्म की नियमित सफाई और सैंपलिंग करवाने को कहा गया है, ताकि बीमारी का पता समय पर चल सके।
- पर्यटकों को सतर्क रहने की सलाह – जू में आने वाले पर्यटकों को पक्षी मांसाहार से बचने और सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
- स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता जारी है – बिलासपुर के कुक्कुट पालन प्रक्षेत्र के अधिकारी ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन पूरी तरह से सावधानी बरती जा रही है।
क्या सावधानियाँ आवश्यक?
- संक्रमित पक्षियों से दूरी बनाएं: संक्रमित पक्षियों या अन्य जानवरों से संपर्क करने से बचें। यदि किसी पक्षी के बीमार होने का शक हो, तो उसे न छुएं और तुरंत संबंधित विभाग को सूचित करें।
- बीमार या मृत पक्षियों को न छुएं: मृत या बीमार पक्षियों को न छूने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इनमें वायरस हो सकता है जो आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है।
- हाथों की सफाई: अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं, खासकर भोजन को संभालने से पहले और बाद में। यह संक्रमण से बचने के सबसे आसान और प्रभावी तरीकों में से एक है।
- कच्चे और पके मांस को अलग रखें: कच्चे मुर्गे के मांस और पके मांस को अलग-अलग बर्तनों में रखें। इससे कच्चे मांस में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस पकाए गए मांस को संक्रमित नहीं कर पाएंगे।
- मांस को ठीक से पकाएं: सुनिश्चित करें कि मांस को पूरी तरह से पकाया गया हो,
Positive सार
इस वायरस से सुरक्षा के लिए सतर्कता और आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि इसके फैलाव को रोका जा सके।