Ayushman Vay Vandana Yojana: छत्तीसगढ़ सरकार ने 70 वर्ष और उससे ज़्यादा उम्र के बुज़ुर्गों को फ्री इलाज देने के लिए आयुष्मान वय-वंदना योजना को तेजी से लागू किया है। इस पहल के तहत अब तक 3.60 लाख से ज्यादा वय-वंदना कार्ड बनाए जा चुके हैं, जिससे छत्तीसगढ़ पूरे देश में 5वें स्थान पर पहुंच गया है।
कैसे बन रहा है यह कार्ड?
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देशन में राज्य में विशेष अभियान चलाया जा रहा है, ताकि कोई भी सीनियर सिटिजन इस योजना से वंचित न रहे। इसमें शामिल हैं,
- शासकीय अस्पताल और CHMO ऑफिस में रजिस्ट्रेशन
- सामाजिक संस्थाओं, वृद्धाश्रमों, और हाउसिंग सोसायटियों में शिविर
- टोल फ्री हेल्पलाइन, 104 पर कॉल कर जानकारी लेना
- घर बैठे मोबाइल एप्स के जरिए भी पंजीकरण संभव
- Ayushman Bharat App
- Aadhaar Face ID App
किसे मिलेगा फायदा?
जिनके घर में कोई सदस्य 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र का है और जिनके पास आधार कार्ड है। ऐसे लोग योजना के पात्र हैं। इसका मकसद बुज़ुर्गों को महंगे इलाज की चिंता से मुक्त करना है।
ये जिले बन रहे हैं “वय-मित्र” मॉडल
राज्य सरकार ने ऐसे 6 जिलों को “वय-मित्र” जिला घोषित किया है, जहां 60% से अधिक बुज़ुर्गों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। इन जिलों में खास सुविधाएं दी जा रही हैं:
वय-मित्र हेल्थ चेकअप कैंप्स
- मोबाइल मेडिकल यूनिट्स द्वारा गांवों तक पहुंच
- टेली-मेडिसिन और मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग
- हर गुरुवार “सियान-जतन शिविर”
- मोतियाबिंद जांच और आयुष आधारित इलाज
क्यों है योजना खास?
- बुज़ुर्गों को मिल रहा है सम्मान और सुरक्षा
- दूर-दराज के गांवों तक पहुंच रहा है इलाज
- राज्य में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर हो रहा है मजबूत
- आयुष्मान भारत से बुज़ुर्ग सीधे जुड़ पा रहे हैं
- परिवार को भी मानसिक और आर्थिक राहत मिल रही है
आने वाले वक्त में ये होगा बदलाव
- बुज़ुर्ग अब हेल्थ चेकअप के लिए भटकेंगे नहीं
- महंगे इलाज का बोझ कम होगा
- सरकार और नागरिकों के बीच भरोसा मजबूत होगा
- हेल्थ सेक्टर में टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल होगा
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डिजिटल हेल्थकेयर की तरफ कदम
अब बुज़ुर्ग खुद या उनके परिवार के लोग घर बैठे मोबाइल ऐप के जरिए कार्ड बना सकते हैं। आधार की डिजिटल पहचान से जुड़ते ही हेल्थ रिकॉर्ड और इलाज का इतिहास भी सुरक्षित रहेगा। यह कदम डिजिटल हेल्थकेयर के सपने को साकार कर रहा है।

