Television in Naxal Village: छत्तीसगढ़ सरकार के द्वार चलाई जा रही नक्सल विरोधी अभियान का असर अभ दिखने लगा है। घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में हो रहा विकास इस बात का प्रमाण देता है कि “नियद नेल्लानर” जैसे अभियान सफल हो रहे हैं। ऐसी ही एक और विकास की खबर सुकमा के छोटे से गांव पुवारती से मिल रही है। जिस गांव में कभी बिजली भी ना पहुंच सकी थी आज सरकार की मदद से वहां पहली बार टीवी लगाया गया है।
नियद नेल्लानार का असर
घोर नक्सल प्रभावित होन की वजह से आजादी के 77 साल बाद भी इस गांव ने बिजली या टेलीविजन नहीं देखा था। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा चलाई गई नियद नेल्लानार अभियान ने तस्वीर ही बदल ही है। अब गांवों में ना सिर्फ बिजली और साफ पानी पहुंच रहा है बल्की सभी सभी आधारभूत सुविधाएं इन रिमोट गांवों तक पहुंचाए जा रहे हैं। 11 दिसंबर 2024 को जब पुवारती गांव में जब पहलीबार टीवी शुरु हुआ तो गांव के बच्चों और बड़ों की चेहरे की खुशी देखने लायक थी।
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सोलर एनर्जी से चलेगी टीवी
गांव में सरका की तरफ से 2 टेलीविजन सेट लगाए गए हैं। इन्हें सोलर एनर्जी से चलाया जाएगा। इतना ही नहीं अब ये गांव सोरल से चलने वाली लाइट्स से रोशन होगा। साथ ही गर्मी के दिनों के लिए सोलर फैन भी गांव वालों को दिए गए हैं। टीवी को सेट टॉप बॉक्स कनेक्ट कर दिया गया है जिसमें 100 से ज्यादा चैनल्स देखे जा सकते हैं। आपको बता दें यह पूरा काम छत्तीसगढ़ राज्य रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी यानी CREDA के द्वारा कराया गया है।
गांवों तक विकास पहुंचाना है मुख्य उद्देश्य
बस्तर के नक्सल प्रभावित गांवों को तक विकास पहुंचाना छत्तीसगढ़ सरकार का मुख्य उद्देश्य है। इस कार्यक्रम को सुकमा समेत बस्तर के 7 जिलों तक पहुंचाया जाएगा। विकास के दिशा में यह योजना मील का पत्थर साबित होगी। सरकार का उद्देश्य रिमोट इलाकों तक राज्य और केंद्र की योजनाओं का लाभ सत प्रतिशत सुनिश्चित करना है। पहली बार टीवी देखकर गांव के लोग आश्चर्य और खुशी दोनों का अनुभव कर रहे हैं। उनके लिए यह किसी बड़ी सपने के पूरे होने के जैसा है।