Tb Free Chhattisgarh: टीबी मुक्त पंचायत अभियान में छत्तीसगढ़ प्रथम!

Tb Free Chhattisgarh:छत्तीसगढ़ ने टीबी (क्षय रोग) मुक्त भारत अभियान में एक नई मिसाल कायम की है। विश्व क्षय दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में राज्य को “टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान” में प्रथम स्थान प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ। यह सम्मान 50 लाख से अधिक आबादी वाले राज्यों की श्रेणी में सर्वाधिक टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों के अनुपात के लिए दिया गया।

राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ की सराहना

इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे. पी. नड्डा ने अध्यक्षता की। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों की उपस्थिति रही। छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से यह सम्मान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री विजय दयाराम के. ने प्राप्त किया।

टीबी मुक्त पंचायतों की संख्या में बढ़ोतरी

भारत सरकार द्वारा 2023 में “टीबी मुक्त ग्राम पंचायत” योजना की परिकल्पना की गई थी। पहले ही वर्ष छत्तीसगढ़ ने इस दिशा में बड़ी छलांग लगाई और 2260 पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया। वर्ष 2024 में यह संख्या बढ़कर 4102 पंचायतों तक पहुँच गई, जो देश में सर्वाधिक अनुपात दर्शाता है।

राज्य सरकार का अभिनव प्रयास

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह राज्य की मजबूत स्वास्थ्य नीति और पंचायत स्तर पर किए गए सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इस सफलता के लिए बधाई दी।

स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने निर्देश दिए हैं कि 100 दिवसीय अभियान के दौरान चिन्हित किए गए सभी संभावित टीबी मरीजों की X-Ray और नाट परीक्षण प्राथमिकता से किए जाएँ। इसके साथ ही, उनका तत्काल पंजीकरण और उपचार प्रारंभ कर निक्षय पोषण योजना और निक्षय मित्रों से सहायता सुनिश्चित की जाए।

छत्तीसगढ़ का जन-आंदोलन

7 दिसंबर 2024 से शुरू किए गए 100 दिवसीय ‘निक्षय निरामय छत्तीसगढ़’ अभियान ने टीबी के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत किया। इस अभियान के तहत 13,422 निक्षय मित्रों ने आगे आकर 26,039 टीबी मरीजों को पोषण आहार और अन्य सहायता प्रदान की।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उद्योगों, कॉरपोरेट्स, NGO और आम जनता से अपील की थी कि वे टीबी मरीजों को गोद लें और उनके इलाज व देखभाल में सहयोग करें। इस पहल को जबरदस्त सफलता मिली और राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ।

दूसरे राज्यों के लिए प्रेरणा

छत्तीसगढ़ की इस उपलब्धि से यह स्पष्ट होता है कि जब सामूहिक प्रयास किए जाते हैं, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्तिकरण, जागरूकता अभियानों और सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के माध्यम से छत्तीसगढ़ ने देश में अपनी अलग पहचान बनाई है। यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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