Sushasan Tihar: सुशासन तिहार में कैसे मदद कर रही हैं संगवारी दीदियां!

Sushasan Tihar: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में इन दिनों कुछ खास हो रहा है। सुशासन तिहार सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं रह गया, बल्कि ये एक जनआंदोलन में बदल रहा है, और इसकी अगुवाई कर रही हैं गांव की महिलाएं सुशासन संगवारी दीदियां। ये दीदियां घर-घर जाकर लोगों को न सिर्फ योजनाओं की जानकारी दे रही हैं, बल्कि उन्हें जागरूक बना रही हैं कि सरकार से कैसे जुड़ना है और अपनी आवाज़ कैसे उठानी है।

क्या है सुशासन तिहार?

सुशासन तिहार का उद्देश्य है लोगों को शासन की योजनाओं से जोड़ना, उनकी समस्याएं सुनना और उनका समाधान निकालना। यह अभियान शासन और जनता के बीच की दूरी को कम करने का एक नया तरीका है।

दीदियां निभा रहीं जिम्मेदारी

  • कोरिया जिले में इस अभियान के लिए 170 सुशासन संगवारी दीदियां नियुक्त की गई हैं।
  • बैकुंठपुर ब्लॉक में 120
  • सोनहत ब्लॉक में 50

ये दीदियां नियमित रूप से गांवों में जाकर बैठकें कर रही हैं, आवेदन भरवा रही हैं और आम लोगों को बता रही हैं कि उनका हक क्या है और उसे कैसे हासिल किया जा सकता है।

महिलाओं की भागीदारी

इन संगवारी दीदियों की मेहनत का नतीजा है कि गांव के लोग अब खुद आगे आकर योजनाओं में भागीदारी कर रहे हैं।

  • महिलाएं भी अब खुलकर अपनी बात रखने लगी हैं।
  • युवा जानने लगे हैं कि कौन-सी योजना उनके लिए फायदेमंद है।
  • बुजुर्गों की पेंशन और बच्चों की स्कॉलरशिप जैसे मुद्दे अब सामने आ रहे हैं।

आवेदन भरवाने से लेकर समाधान तक

सिर्फ योजनाओं की जानकारी देना ही नहीं, ये दीदियां लोगों की समस्याएं भी फॉर्म में भरवा कर शासन तक पहुंचा रही हैं। चाहे राशन कार्ड में गड़बड़ी हो, या बिजली बिल की समस्या, लोग अब बिना हिचक शिकायत दर्ज करवा रहे हैं।

भरोसे का दूसरा नाम बन चुकी हैं दीदियां

गांव के लोग अब इन दीदियों को अपना समझते हैं। वो जानते हैं कि

  • ये केवल सरकारी कर्मचारी नहीं,
  • बल्कि उनके हक की लड़ाई में साथ खड़ी साथी हैं।

एक सकारात्मक बदलाव

इस पूरे अभियान ने यह साबित किया है कि अगर सही नीयत से योजना चलाई जाए और उसमें स्थानीय महिलाओं की भागीदारी हो, तो बदलाव मुमकिन है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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