PM Suryaghar Yojana: भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना’ देशभर में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल बनती जा रही है। इस योजना का उद्देश्य न केवल घरों को सस्ती और स्वच्छ बिजली उपलब्ध कराना है, बल्कि हर नागरिक को ‘ऊर्जा आत्मनिर्भर’ (Energy Independent) बनाना भी है।
छत्तीसगढ़ में भी इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य हो रहा है। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के विद्युत संभाग भाटापारा द्वारा गुरुवार को आयोजित एक विशेष कार्यशाला ने इस जनकल्याणकारी योजना की दिशा में एक नई शुरुआत की है।
योजना को लेकर जागरूकता कार्यशाला
जनपद पंचायत कार्यालय, भाटापारा में आयोजित इस कार्यशाला में सीएसपीडीसीएल (CSPDCL) के अधिकारी, क्षेत्रीय राइस मिलर्स, वेंडर्स, जनप्रतिनिधि और हितग्राही उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य था लोगों को सौर ऊर्जा के लाभों और प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराना।
कार्यशाला के दौरान अधिकारियों ने विस्तार से बताया कि किस प्रकार केंद्र सरकार की यह योजना लोगों को मुफ्त बिजली, सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सब्सिडी प्रावधान, मान्यता प्राप्त वेंडर्स की सूची और आसान ऋण सुविधा उपलब्ध करा रही है।
बिजली बिल में भारी कमी
योजना का सबसे सकारात्मक पहलू यह है कि इससे आम नागरिक को बिजली बिल में भारी राहत मिल रही है। कार्यशाला में मौजूद लाभान्वित हितग्राही अनिल अग्रवाल और भुवन सिंह ठाकुर ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि योजना से पहले उनका बिजली बिल 1500–2000 रुपये प्रति माह आता था, जो अब घटकर केवल 300 रुपये रह गया है।
उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल आर्थिक बचत का माध्यम है बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बड़ा कदम है, क्योंकि सौर ऊर्जा प्रदूषणमुक्त है और इससे कार्बन उत्सर्जन नहीं होता।
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
- सौर ऊर्जा (Solar Energy) के उपयोग से न केवल पर्यावरण को स्वच्छ रखा जा सकता है, बल्कि यह भारत को ‘नेट ज़ीरो एमिशन’ लक्ष्य की ओर भी अग्रसर करता है।
- प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना लोगों को अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगाकर खुद बिजली पैदा करने के लिए प्रेरित करती है।
- इससे उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचने की सुविधा भी दी गई है, जिससे नागरिकों को आर्थिक लाभ के साथ-साथ ऊर्जा उत्पादन में भागीदारी का अवसर मिलता है।
- यह पहल हर घर को एक ‘मिनी पावर स्टेशन’ में बदल रही है, जिससे देश के ऊर्जा ढांचे में एक बड़ा परिवर्तन संभव हो रहा है।
योजना की मुख्य विशेषताएं
- मुफ्त बिजली की सुविधा:- पात्र परिवारों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली।
- सरकारी सब्सिडी:- सोलर पैनल लगाने पर 40% तक सरकारी सहायता।
- ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:- योजना में आवेदन अब आसान और पारदर्शी।
- वेंडर सूची उपलब्ध:- स्वीकृत वेंडर्स की सूची से गुणवत्ता सुनिश्चित।
- बैंक लोन की सुविधा:- आसान किश्तों में सोलर इंस्टॉलेशन संभव।
बढ़ रही सौर ऊर्जा की पहुंच
- छत्तीसगढ़ में सरकार सोलर ऊर्जा को हर गांव और हर घर तक पहुंचाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
- भाटापारा जैसी कार्यशालाएं ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में लोगों को जागरूक कर रही हैं कि कैसे छोटा निवेश बड़ा बदलाव ला सकता है।
- राज्य सरकार ने इस योजना को स्मार्ट और सस्टेनेबल बिजली व्यवस्था के रूप में अपनाया है।
हर छत पर सोलर, हर घर में उजाला
‘प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना’ केवल एक सरकारी स्कीम नहीं बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय परिवर्तन का अभियान है। यह न सिर्फ नागरिकों को बिजली बिल से राहत देती है बल्कि देश को ग्रीन एनर्जी क्रांति (Green Energy Revolution) की ओर भी ले जा रही है। अब समय है कि हर नागरिक सौर ऊर्जा को अपनाए और अपने घर को ‘सूर्यघर’ में बदल दे, क्योंकि जब हर छत से रोशनी पैदा होगी, तब भारत आत्मनिर्भर और प्रदूषण-मुक्त दोनों बनेगा।

