छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के जनपद पंचायत बोड़ला के ग्राम सिघनपुरी के आश्रित ग्राम हाथीडोब में रहने वाली शांति बाई बैगा, विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय की सदस्य हैं। उनकी जिंदगी में प्रधानमंत्री जनमन योजना ने एक नई रोशनी लाई। 2023-24 में योजना के अंतर्गत उन्हें आवास की स्वीकृति मिली।
आर्थिक सहायता से साकार हुआ सपना
प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत शांति बाई बैगा को आवास निर्माण के लिए किश्तों में आर्थिक सहायता मिली,
- आवास स्वीकृति के तुरंत बाद 40,000 रुपये।
- प्लींथ स्तर पूरा होने पर 60,000 रुपये।
- छत स्तर के बाद 80,000 रुपये।
- आवास पूर्ण होने पर 20,000 रुपये।
इस योजना से शांति बाई का घर बनना संभव हुआ। साथ ही, महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत उन्हें 95 दिन की मजदूरी में 23,850 रुपये का भुगतान मिला। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत उन्हें शौचालय निर्माण के लिए 12,000 रुपये भी प्रदान किए गए।
सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिला
- निराश्रित पेंशन योजना, 350 रुपये मासिक पेंशन।
- मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना, राशन सामग्री।
इन योजनाओं ने उनकी जिंदगी को बेहतर और आत्मनिर्भर बनाने में मदद की।
एक विधवा महिला के लिए नई शुरुआत
शांति बाई बैगा, जो सुनने और बोलने में कठिनाई महसूस करती हैं, ने कभी अपने पक्के घर का सपना नहीं देखा था। आज वह कहती हैं, *”मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी जिंदगी में खुशी आएगी। मैं अपनी सरकार की शुक्रगुजार हूं, जिसने मेरी जैसी अकेली महिला की मदद की। आज मैं अपने पक्के घर में सुख और सुरक्षा के साथ जी रही हूं।
मुख्यधारा से जुड़ते सपने
शांति बाई का यह अनुभव उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है, जो कभी अपने सपनों को हकीकत में बदलने की उम्मीद खो चुके थे। यह कहानी दिखाती है कि सरकार की योजनाएँ सही तरीके से लागू हों तो वे किस तरह समाज के सबसे पिछड़े वर्ग को मुख्यधारा में जोड़ सकती हैं।