Pradhan Mantri Awas Yojana:छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की रहने वाली पायको की कहानी वाकई प्रेरणादायक है। जहां पहले घर बनाने के लिए लोग कुशल राजमिस्त्रियों पर पूरी तरह निर्भर रहते थे, वहीं आज पायको जैसी महिलाएं खुद अपने घर को अपने हाथों से बना रही हैं। यह संभव हुआ है प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत शुरू किए गए राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम की वजह से।
क्यों शुरू हुआ राजमिस्त्री प्रशिक्षण?
गांवों में अक्सर यह समस्या रहती है कि घर बनाने के लिए मिस्त्री आसानी से उपलब्ध नहीं होते। खासकर दूरस्थ इलाकों में तो राजमिस्त्रियों को बुलाने के लिए कई बार अतिरिक्त खर्च और समय भी लग जाता है। इस समस्या को देखते हुए दंतेवाड़ा जिले में ग्रामीणों को ही राजमिस्त्री की ट्रेनिंग देने का फैसला लिया गया।
यह ट्रेनिंग न सिर्फ पुरुषों बल्कि महिलाओं को भी दी जा रही है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने घर का निर्माण खुद कर सकें।
सपना हुआ पूरा

गांव धुरली में रहने वाली पायको ने 45 दिन का राजमिस्त्री प्रशिक्षण लिया। इस ट्रेनिंग के दौरान उन्हें घर बनाने की तकनीकी जानकारी, सही तरीके से ईंट लगाने से लेकर छत डालने तक के सारे बेसिक स्किल सिखाए गए।
क्या कहती हैं पायको?
“पहले मुझे लगता था कि घर बनाने का काम सिर्फ पुरुष ही कर सकते हैं। लेकिन ट्रेनिंग के बाद मुझे आत्मविश्वास मिला कि मैं भी यह कर सकती हूं।” आज पायको ने अपने हाथों से अपना पक्का घर बना लिया है। उनके लिए यह घर सिर्फ ईंट और गारे से बना एक आश्रय नहीं है, बल्कि यह सम्मान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
ट्रेनिंग से रोजगार और सम्मान दोनों
इस 45 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल लोगों को हर दिन ₹220 की मजदूरी भी दी जाती है। यानी सीखते-सीखते वे कुछ कमा भी लेते हैं। इससे ग्रामीणों को आजीविका का नया साधन मिला है। पायको जैसी कई महिलाएं और पुरुष इस ट्रेनिंग से जुड़े और अब वे खुद मिस्त्री का काम करके न सिर्फ अपना घर बना रहे हैं बल्कि दूसरों के लिए भी घर बनाकर रोजगार और आय कमा रहे हैं।
गांव वालों का अनुभव
ग्राम धुरली के लोगों का कहना है कि यह पहल केवल पक्के घर तक सीमित नहीं है। इससे उन्हें रोजगार, आत्मसम्मान और स्थायी आश्रय मिला है। अब वे गर्व से कहते हैं कि – “यह घर हमने खुद बनाया है।”
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आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम
प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) का यह अनोखा प्रयास दिखाता है कि जब सरकारी योजनाएं लोगों की जरूरतों को समझकर बनाई जाएं, तो वे किस तरह लाइफ बदल सकती हैं। राजमिस्त्री प्रशिक्षण ग्रामीणों को सिर्फ मकान बनाने का हुनर नहीं दे रहा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी भी बना रहा है।