Mukhyamantri Teerth Darshan Yojana: छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बार फिर अपने बुजुर्ग नागरिकों के सम्मान और श्रद्धा को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस योजना की पहली तीर्थ यात्रा ट्रेन को रायपुर रेलवे स्टेशन से तिरुपति, मदुरै और रामेश्वरम के लिए हरी झंडी दिखाई। इस ट्रेन में रायपुर और बलौदाबाजार-भाटापारा जिलों के 780 श्रद्धालु बुजुर्ग सम्मिलित हुए, जिनके लिए यह यात्रा केवल एक धार्मिक अनुभव ही नहीं, बल्कि सम्मान और स्नेह का प्रतीक बन गई।
आध्यात्मिक यात्रा का स्वर्णिम अवसर
मुख्यमंत्री साय ने यात्रियों से आत्मीय चर्चा करते हुए कहा कि यह यात्रा उनके जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव बनेगी। रामेश्वरम में श्रद्धालु पवित्र रामसेतु का दर्शन कर सकेंगे, ज्योतिर्लिंग के दर्शन करेंगे और मदुरै में मीनाक्षी मंदिर की भव्यता को निहार सकेंगे। तिरुपति में बालाजी के दर्शन का सौभाग्य भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री रामलला (अयोध्या दर्शन) योजना के अंतर्गत अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालुओं को श्री रामलला के दर्शन कराए हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की पहल
मुख्यमंत्री साय ने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का उल्लेख करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ के तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए वहां विशेष छत्तीसगढ़ पवेलियन तैयार किया गया था। इस पवेलियन में श्रद्धालुओं के रहने, भोजन और अन्य आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखा गया।
योजना में क्या है खास?
मुख्यमंत्री साय ने घोषणा की कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के लिए 15 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। इस योजना के अंतर्गत देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे उज्जैन, पुरी, द्वारका, वैष्णो देवी, मथुरा, वृंदावन आदि को जोड़ा गया है।
आस्था की यात्रा
सरकार का यह कदम उन बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो आर्थिक तंगी के कारण तीर्थ यात्रा से वंचित रह जाते थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि विधवा और परित्यक्त महिलाओं को भी इस योजना में शामिल किया गया है ताकि वे भी धार्मिक स्थलों के दर्शन कर सकें।
सुविधाओं की विशेष व्यवस्था
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आराम का पूरा ध्यान रखा गया है। विशेष ट्रेन में टूर एस्कॉर्ट, पुलिस बल और चिकित्सकों की टीम भी मौजूद रहेगी। यात्रियों के ठहरने, भोजन और मंदिर दर्शन की संपूर्ण व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है।
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Positive सार
छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम धार्मिक आस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ बुजुर्गों को सम्मान प्रदान करने का भी प्रतीक है। यह केवल एक तीर्थ यात्रा नहीं, बल्कि संस्कृति, श्रद्धा और समर्पण का संगम है। इस योजना की शुरुआत 4 दिसंबर 2012 को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में हुई थी। 15 जनवरी 2013 से 10 जून 2019 तक 272 तीर्थ यात्राओं के माध्यम से 2,46,983 श्रद्धालुओं को लाभान्वित किया गया था।