Model Solar Village: भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत जशपुर जिला अब एक मॉडल सोलर विलेज विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा चुका है। कलेक्टर रोहित व्यास के मार्गदर्शन में जिले में चयन प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। यह पहल न केवल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करेगी।
5,000 से ज्यादा आबादी वाले गांव पात्र
भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, मॉडल सोलर विलेज के चयन के लिए ऐसे राजस्व ग्रामों का चयन किया जाना है जिनकी आबादी 5,000 से अधिक हो। जशपुर जिले में ऐसे गांवों की संख्या 10 से कम होने के कारण, शीर्ष 10 सर्वाधिक आबादी वाले गांवों के बीच प्रतिस्पर्धा आधारित चयन प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
6 महीनों की सौर ऊर्जा प्रतिस्पर्धा
इन 10 गांवों के बीच 6 माह की अवधि के दौरान मूल्यांकन किया जाएगा कि किस गांव में,
- सरकारी
- गैर-सरकारी
स्तर पर सबसे अधिक सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित होती है। इसी आधार पर अंतिम मॉडल सोलर विलेज का चयन किया जाएगा।
जशपुर के 10 गांव
- बटईकेला
- सन्ना
- कांसाबेल
- पण्ड्रापाठ
- लुडेग
- कामारिमा
- घोघर
- तपकरा
- दुलदुला
- फरसाबहार
इन सभी गांवों में सौर ऊर्जा जागरूकता, स्थापना कार्य और अधोसंरचना विकास तेजी से किया जाएगा ताकि वे प्रतियोगिता में आगे रह सकें।
गांव को मिलेगा 2 करोड़ का पैकेज
जो ग्राम इस प्रतिस्पर्धा में श्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा, उसे मॉडल सोलर विलेज घोषित किया जाएगा। इस ग्राम के समग्र विकास के लिए,
2 करोड़ रुपये का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR)
तैयार कर 15 मार्च 2026 तक ऊर्जा विभाग को भेजा जाएगा। जिससे
- गांव में सौर ऊर्जा आधारित स्ट्रीट लाइट
- घरों में मुफ्त बिजली
- बिजली बिलों में भारी कमी
- नए रोजगार एवं ऊर्जा उद्यमिता के अवसर
- कार्बन उत्सर्जन में कमी
ये सभी लाभ मिलने वाले हैं।
भविष्य की ओर कदम
यह परियोजना ग्रीन एनर्जी को अपनाने की दिशा में ग्रामीण भारत की सबसे बेहतरीन पहल साबित होगी।
ऐसा गांव,
- जहाँ हर घर सोलर से रोशन
- बिजली के लिए किसी पर निर्भरता नहीं
- प्रदूषण रहित ऊर्जा स्रोतों का उपयोग
- ऊर्जा बचत के साथ आर्थिक बचत भी
जशपुर का मॉडल गांव दूसरे जिलों के लिए भी प्रेरणा का केंद्र बनेगा।
Positive सार
जशपुर जिले की यह पहल न केवल तकनीकी विकास का मार्ग प्रशस्त कर रही है, बल्कि यह साबित कर रही है कि-
ग्रामीण भारत भी ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व कर सकता है। यह परियोजना स्थानीय जीवन-स्तर को बेहतर बनाने के साथ भारत के ऊर्जा स्वावलंबन के लक्ष्य को भी मजबूती देगी।

