Jal Jungle Yatra: बलौदाबाजार वनमंडल के अर्जुनी वन परिक्षेत्र में आयोजित जल-जंगल-यात्रा बच्चों को प्रकृति से जोड़ने और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का अहसास कराने की एक नई पहल है। यह कार्यक्रम स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल, सोनाखान के विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लिया।
सिर्फ भ्रमण नहीं, एक सीख
वनमंडलाधिकारी ने बताया कि वन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देश पर यह यात्रा केवल एक पिकनिक नहीं, बल्कि प्रकृति को समझने का एक इंटरएक्टिव तरीका है। इसका मकसद है कि बच्चे न सिर्फ पेड़ों, जंगल और पानी का महत्व समझें, बल्कि भविष्य में पर्यावरण संरक्षण के गार्डियन बनें।
रोचक तरीके से पर्यावरण शिक्षा
यह पहल विद्यार्थियों को वनों की अहमियत, लघु वनोपज, औषधीय पौधों के फायदे और जल संरक्षण की तकनीकों के बारे में हैंड्स-ऑन तरीके से सिखाती है। खास तौर पर बच्चों को यह दिखाया गया कि नालों का पानी स्टॉप डेम के जरिए कैसे इकट्ठा किया जाता है और सिंचाई में इस्तेमाल किया जाता है। इससे उन्हें जल प्रबंधन की अहमियत का वास्तविक अनुभव मिला।
वन्यजीव और करियर की जानकारी
कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षु वन अधिकारियों और अनुभवी वन कर्मियों ने बच्चों को वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरणीय संतुलन और वन विभाग में करियर के अवसर के बारे में भी बताया। बच्चों की आंखों में जिज्ञासा और सीखने का जुनून साफ झलक रहा था।
भविष्य के लिए एक स्थायी मुहिम
वन विभाग की योजना है कि जल-जंगल-यात्रा को और ज्यादा स्कूलों तक पहुंचाया जाए ताकि यह एक स्थायी जागरूकता अभियान बन सके। यह पहल बच्चों के दिल में प्रकृति के लिए प्यार और जिम्मेदारी की भावना जगाने का एक मजबूत कदम है।