मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ में उद्यमिता आयोग के गठन की घोषणा की है। इस आयोग के गठन से राज्य में उद्यमशीलता की संस्कृति को प्रोत्साहन मिलेगा और इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
यह आयोग राज्य में मौजूदा उद्यमिता स्थिति का अध्ययन करेगा और इसके आधार पर ऐसे कदम उठाएगा जो व्यवसायों के विकास और विस्तार के लिए मददगार साबित होंगे।
विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत @2047
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ‘विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत @2047′ के निर्माण की दिशा में स्वदेशी को आत्मसात करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच ने हमेशा आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने की वकालत की है। उनका मानना है कि भारत को आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से सशक्त बनाने के लिए स्वदेशी उत्पादों और उद्योगों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
भारत- एक विशाल उपभोक्ता बाज़ार
भारत एक विशाल और संपन्न देश है, जहाँ प्रचुर प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं और हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी भी है। यह हमें न केवल एक विशाल उपभोक्ता बाजार प्रदान करता है, बल्कि नवाचार, अनुसंधान, और औद्योगिकीकरण के लिए भी अनगिनत संभावनाएँ खोलता है। यदि हम अपनी प्राकृतिक संपत्तियों और युवा शक्ति का सही उपयोग करें, तो यह भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख शक्ति बना सकता है। इस दिशा में स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठनों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो भारतीय उद्योगों को आत्मनिर्भर बनाने और देश के विकास को गति देने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
बस्तर क्षेत्र में स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा
राज्य सरकार की नई नीतियों और सुरक्षा बलों के प्रभावी प्रयासों के कारण नक्सलवाद अब काफी सीमित क्षेत्र में सिमट चुका है। यह एक सकारात्मक संकेत है कि अब बस्तर जैसे क्षेत्रों में विकास और प्रगति की नई संभावनाएं खुल रही हैं।
बस्तर क्षेत्र में स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में स्वदेशी जागरण मंच की सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया गया है । सरकार ने इसमें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण और विकास के लिए स्वदेशी जागरण मंच से सहयोग की अपेक्षा जताई गयी है. इससे इन क्षेत्रों में स्थायी विकास और रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें।
रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता
छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति के तहत रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की योजना बनाई है। यह नीति राज्य की प्राकृतिक संपदा और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार की गई है, ताकि स्थानीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो सके और क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहन मिल सके। सिंगल विंडो सिस्टम को लागू करने की घोषणा भी की गई, जिससे उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाया जा सके। इससे निवेशकों को सुविधाजनक और शीघ्र प्रक्रिया के तहत औद्योगिक गतिविधियाँ शुरू करने में मदद मिलेगी। युवा और नवाचार आधारित स्टार्टअप्स को सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी, ताकि छत्तीसगढ़ के युवा उद्यमी अपने व्यवसायों को बढ़ा सकें और प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सशक्त बना सकें।
इसके अलावा, स्थानीय संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएं भी चलाई जा रही हैं, ताकि राज्य में छोटे और मध्यम उद्योगों का विकास हो सके और रोजगार के अवसर बढ़े।
Positive सार
इससे न केवल युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि रोजगार सृजन के नए रास्ते भी खुलेंगे। राज्य सरकार का यह कदम राज्य में औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति देने में सहायक हो सकता है। यह छत्तीसगढ़ में व्यापार और उद्योग के माहौल को बेहतर बनाने में भी मदद करेगा।