E-Bus Seva CG: छत्तीसगढ़ में अब शहरी परिवहन होगा और भी स्मार्ट और इको-फ्रेंडली। राज्य सरकार रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग-भिलाई की सड़कों पर 240 इलेक्ट्रिक बसें चलाने जा रही है। ये पहल प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत की जा रही है, जो कि शहरी सफर को प्रदूषण-मुक्त और सस्ता बनाने का एक बड़ा कदम है।
प्रशिक्षण से तैयार एक्सपर्ट्स
ई-बस योजना को बेहतर ढंग से ज़मीन पर उतारने के लिए केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के एक्सपर्ट्स ने SUDA और नगरीय प्रशासन के अधिकारियों को एक दिन का खास ट्रेनिंग सेशन दिया। इस ट्रेनिंग में तकनीकी पहलुओं के साथ संचालन, भुगतान और मॉनिटरिंग से जुड़ी बारीक जानकारियां दी गईं।
कौन से शहर को कितनी ई-बसें?
- रायपुर- 100 ई-बसें
- दुर्ग-भिलाई- 50 ई-बसें
- बिलासपुर- 50 ई-बसें
- कोरबा- 40 ई-बसें
इन चारों शहरों में बस डिपो, सिविल और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 67.40 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
ई-बसों से क्या होगा फायदा?
ई-बसें न सिर्फ हवा को साफ रखेंगी बल्कि लोगों को कम खर्च में सफर का ऑप्शन भी देंगी। ट्रेनिंग सेशन में एक्सपर्ट्स ने बताया कि वायु प्रदूषण में सबसे बड़ा रोल धुएं का होता है, जो इन ई-बसों के जरिए काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकेगा।
ट्रेनिंग में क्या-क्या सिखाया गया?
श्री चिंतन दफ्तरदार और वेंकट श्रीनिवास जैसे विशेषज्ञों ने अधिकारियों को ई-बस ऑपरेशन, टेंडरिंग, कॉन्ट्रैक्ट, और पेमेंट मॉडल की डिटेल्स समझाईं। इस मौके पर निगरानी और मूल्यांकन (monitoring & evaluation) की ज़रूरत को भी अच्छे से हाईलाइट किया गया।
संचालन और पेमेंट कैसे होगा?
CECL के प्रतिनिधियों ने बताया कि ऑपरेटर को पेमेंट कैसे किया जाएगा, इसके लिए एक मजबूत सिस्टम तैयार किया जा रहा है। PSM (Performance Security Mechanism) के तहत हर पेमेंट पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
छत्तीसगढ़ के लिए खास है योजना?
राज्य शहरी विकास अभिकरण के CEO शशांक पांडे ने इसे छत्तीसगढ़ के लिए “urban mobility में एक नई क्रांति” बताया। इस सेवा से आम लोगों को राहत मिलेगी और पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा।
अफसरों की जुटी मजबूत टीम
इस पूरी तैयारी में SUDA, नगर निगम और नगरीय प्रशासन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जो इस बदलाव को सफल बनाने में जुटे हैं। उनका लक्ष्य है – पर्यावरण के साथ ट्रैफिक सिस्टम को भी स्मार्ट बनाना।