Chhattisgarh Rail Development: छत्तीसगढ़ में रेल विकास की नई रफ्तार!

Chhattisgarh Rail Development: छत्तीसगढ़, जो कभी सिर्फ अपने प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता था, अब तेजी से बदल रहा है। अब यहां बात हो रही है कनेक्टिविटी की, इंफ्रास्ट्रक्चर की और गांव से लेकर शहर तक के हर व्यक्ति को विकास से जोड़ने की।

विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र की साझेदारी से अब राज्य में रेलवे का नया जाल बिछने जा रहा है। बस्तर जैसे दूरस्थ और पहले रेल सुविधा से वंचित इलाके अब रेल से जुड़ने जा रहे हैं। साथ ही खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा जैसे बड़े रेल प्रोजेक्ट से पूरे राज्य को एक नई रफ्तार मिल रही है।

बस्तर में पहली बार पहुंचेगी ट्रेन

बस्तर संभाग के सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे जिले जहां कभी नक्सल की पहचान थी, अब वहां विकास की बयार बह रही है। केंद्र सरकार ने कोठागुड़ेम (तेलंगाना) से किरंदुल (छत्तीसगढ़) तक 160.33 किमी लंबी नई रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी दी है।

इसमें 138.51 किमी ट्रैक छत्तीसगढ़ के भीतर बिछेगा, जो इन तीन जिलों से होकर गुजरेगा। ये वो जिले हैं जो अब तक रेल कनेक्टिविटी से पूरी तरह कटे हुए थे।

रेलवे लाइन से जुड़ने के बाद यहां के लोग अब सीधे शहरों से जुड़ सकेंगे। छात्रों को बेहतर एजुकेशन मिलेगी, मरीजों को इलाज के लिए सफर करना आसान होगा और कारीगरों-किसानों को अपने उत्पादों को शहर तक पहुंचाने का नया जरिया मिलेगा।

लास्ट माइल कनेक्टिविटी

विकास सिर्फ महानगरों तक सीमित न रह जाए, इसके लिए सरकार अब “लास्ट माइल कनेक्टिविटी” पर फोकस कर रही है। बस्तर रेल प्रोजेक्ट को गृह मंत्रालय भी मॉनिटर कर रहा है, क्योंकि यह न सिर्फ सुरक्षा बल्कि इकोनॉमिक ग्रोथ के लिहाज से भी बेहद अहम है। लिडार टेक्नोलॉजी जैसे एडवांस्ड सर्वे मेथड से काम हो रहा है, जिससे प्रोजेक्ट को स्पीड और सटीकता दोनों मिल रही हैं।

खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा रेल

जहां एक तरफ बस्तर को पहली बार ट्रेन से जोड़ा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर राज्य में खरसिया से परमालकसा तक 615 किमी का रेलवे ट्रैक बिछने जा रहा है। ये प्रोजेक्ट सिर्फ एक रेल लाइन नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ को देश के इंडस्ट्रियल नेटवर्क से जोड़ने वाली रीढ़ बनने जा रही है। इस लाइन की लागत 8,741 करोड़ रुपये है और यह रेलवे के टॉप 10 प्रोजेक्ट्स में शामिल है।

इस नई लाइन से रायगढ़, बिलासपुर, बलौदा बाजार, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव जैसे जिले जुड़ेंगे, जो आने वाले समय में राज्य की इंडस्ट्रियल ग्रोथ का सेंटर बन सकते हैं।

बायपास से सीधा कनेक्शन महाराष्ट्र तक

खैरागढ़ से परमालकसा तक बनने वाली यह रेल लाइन रायपुर और बिलासपुर बायपास होते हुए छत्तीसगढ़ को सीधे महाराष्ट्र से जोड़ेगी। इसका सीधा फायदा होगा बलौदा बाजार जैसे इलाकों को, जहां सीमेंट इंडस्ट्री और अन्य मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए नया स्कोप खुलेगा।

यह न सिर्फ इंडस्ट्री को ग्रोथ देगा, बल्कि लोकल लेवल पर हजारों लोगों को जॉब्स मिलेंगे और गांवों में भी रोज़गार के मौके पैदा होंगे।

लॉजिस्टिक्स कॉस्ट में भारी कमी

इस नई रेल लाइन से ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में करीब 2,520 करोड़ रुपये की बचत होगी और हर साल लगभग 22 करोड़ रुपये के डीजल की भी।इसका अर्थ है कि यह प्रोजेक्ट न सिर्फ इकोनॉमिक रूप से फायदेमंद होगा बल्कि पर्यावरण को भी कम पॉल्यूशन के रूप में राहत देगा।

नया रायपुर का नया कनेक्शन

हाल ही में नया रायपुर रेलवे से कनेक्ट हुआ है, जिससे राजधानी क्षेत्र और उसके आसपास के लोगों का जीवन और भी सुविधाजनक बन गया है।

अब वहां के लोग आसानी से देश के किसी भी हिस्से तक ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं, जिससे रियल एस्टेट, बिजनेस और टूरिज्म को भी बूस्ट मिल रहा है।

छत्तीसगढ़ की रेल कहानी

छत्तीसगढ़ में अब रेलवे सिर्फ ट्रांसपोर्ट का साधन नहीं, बल्कि विकास का इंजन बन गया है। विष्णु देव साय सरकार की कोशिशों से छत्तीसगढ़ के हर कोने को रेल नेटवर्क से जोड़ने की मुहिम अब जमीन पर दिखने लगी है। नए रेलवे स्टेशन, फ्लाईओवर, ब्रिज, अंडरपास और मल्टीट्रैकिंग से भरा ये ट्रैक भविष्य में छत्तीसगढ़ को देश की रेलवे कैपिटल बना सकता है।

Avatar photo

Rishita Diwan

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *