Bijli sakhi yojna: अब छत्तीसगढ़ की महिलाएं “बिजली सखी” बनकर आत्मनिर्भर बनेंगी। बिजली सखी योजना (Bijli Sakhi Scheme) के तहत महिलाओं को प्रशिक्षण देने की शुरुआत हो चुकी है। 23 अक्टूबर को जशपुर के बगिया से यह स्कीम शुरु हुई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 21 बिजली सखियों को बिजली किट दिया और बिजली सखी बनने पर बधाई दी। आइए विस्तार से जानते हैं क्या है “बिजली सखी योजना”।
क्या है बिजली सखी योजना?
बिजली सखी योजना (Bijli Sakhi Scheme) के जरिए अब गांवों में भी घरों पर ही बिजली मीटर की रीडिंग करके बिल दिया जाएगा। बिजली सखी हर महीने घर आकर रीडिंग लेंगी और तुरंत बिल देंगी। अब तक यह सुविधा सिर्फ शहरी इलाकों में थी। गांव में बिजली विभाग (electricity department ) हर महीने बिल भेजा करते थे। ग्रामीण इलाकों में हर महीने बिल नहीं पहुंच पाता। बाद में दो महीने की बिल एक साथ पहुंचने पर ग्रामीणों पर ज्यादा भार पड़ता था। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह योजना जशपुर में शुरु हुई है। बाद में इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
बिजली सखी योजना का उद्देश्य
बिजली सखी योजना का उद्देश्य सिर्फ बिजली बिल की सुविधा देना ही नहीं है। इस योजना के जरिए राज्य सरकार प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाना चाहती है। (Bijli Sakhi Scheme) योजना के तहत स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मीटर रीडिंग (meter reading) की ट्रेनिंग दी गई है। अब ये महिलाएं ही घरों-घर जाकर मीटर रिडिंग करेंगी और तुरंत बिल जनरेट करेंगी। इन्हें एक घर की रीडिंग लेने पर 12 रुपए दिए जाएंगे। इस योजना ने महिलाओं को रोजगार का नया अवसर दिया है।
300 बिजली सखी का लक्ष्य
बिजली सखी योजना के लिए अभी जशपुर में 21 महिलाओं को ट्रेनिंग देकर तैयार किया गया है। स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र की 300 महिलाओं को बिजली सखी के रूप में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। बिजली सखियों के द्वारा रेगुलर बिल देने पर उपभोक्ताओं को भी सुविधा मिलेगी और बिजली विभाग की कार्यक्षमता में भी सुधार होगा।