Abujhmad bus connectivity: कुतुल से रायपुर तक पहुंची पहली बस!

Abujhmad bus connectivity: छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ क्षेत्र, जो कभी अपने कठिन भौगोलिक हालात और नक्सली प्रभाव के लिए जाना जाता था, अब धीरे-धीरे विकास और कनेक्टिविटी की नई कहानी लिख रहा है। नियद नेल्ला नार योजना के तहत यहां न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है, बल्कि सड़क, पुल, मोबाइल नेटवर्क और अब बस सेवा जैसी जरूरी सुविधाएं भी तेजी से पहुंच रही हैं।

कुतुल तक पहुंची पहली बस

13 मई 2025 को नारायणपुर जिला प्रशासन ने इतिहास रचते हुए पहली बार सीधी बस सेवा की शुरुआत की जो जिला मुख्यालय नारायणपुर से लगभग 49 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम कुतुल तक जाती है। इस बस सेवा से कुरूषनार, बासिंग, कुंदला, कोहकामेटा, ईरकभट्टी, कच्चापाल और कोडलियर जैसे सुदूर गांवों को भी जोड़ा गया है।

पहले लोग पगडंडी के सहारे चलते थे, अब बस की सवारी कर रहे हैं। बरसात में जब नदियां और नाले उफान पर होते थे, तब मरीजों को अस्पताल ले जाना मुश्किल हो जाता था। कई बार ग्रामीण बीमार को कंधे पर उठाकर अस्पताल ले जाते थे। लेकिन अब बस सेवा से ये समस्याएं बीते दिनों की बात हो चुकी हैं।

मसपुर तक भी पहुंची राहत

इसी पहल के तहत नारायणपुर से मसपुर तक की बस सेवा भी शुरू की गई है, जिससे 14 गांवों को बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा मिल गई है। अब ग्रामीण आसानी से अपने काम के लिए जिला मुख्यालय आ-जा सकते हैं, समय बचा सकते हैं और ज़रूरत पड़ने पर तत्काल सहायता भी पा सकते हैं।

4G नेटवर्क से गांवों में डिजिटल उजाला

बस सेवा के साथ-साथ नियद नेल्ला नार योजना के अंतर्गत कई इलाकों में 4G मोबाइल टॉवर भी लगाए गए हैं। कस्तुरमेटा, मसपुर, ईरकभट्टी, मोहन्दी, होरादी, गारपा और कच्चापाल जैसे गांवों में अब मोबाइल नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध है। इससे न केवल संचार व्यवस्था में सुधार हुआ है, बल्कि ग्रामीण अब ऑनलाइन शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और सरकारी योजनाओं की जानकारी से सीधे जुड़ पा रहे हैं।

बदलाव महसूस कर रहे हैं लोग

अबूझमाड़ के ये गांव जो सालों से विकास की मुख्यधारा से कटे हुए थे, आज अपनी पहचान और सुविधा दोनों पा रहे हैं। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब उनका गांव भी मानचित्र पर चमक रहा है।

अब जहां डर था, वहां सुरक्षा कैंप हैं, जहां सन्नाटा था, वहां बसों की आवाजाही है, और जहां कभी सूचना नहीं पहुंचती थी, वहां अब इंटरनेट की पहुंच है।

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विकास की राह

अबूझमाड़ की यह कहानी दिखाती है कि अगर सरकार की नीयत साफ हो और ज़मीनी स्तर पर योजनाएं उतारी जाएं तो दुनिया के सबसे मुश्किल इलाके भी तरक्की की राह पर चल सकते हैं। नियद नेल्ला नार योजना ने न सिर्फ सड़कें दी हैं, बल्कि एक नई सोच और आत्मविश्वास भी दिया है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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