एक्सीडेंट कब, कहां और किसके साथ हो जाए, ये कोई नहीं जानता। ऐसे में अगर वक्त पर इलाज न मिले या पैसे की कमी आड़े आ जाए, तो हालात और भी बुरे हो सकते हैं। ऐसे ही हालात से लोगों को राहत देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ी पहल की है – नगदी रहित उपचार योजना (Cashless Treatment Scheme)।
बिना पैसे के मिलेगा इलाज
इस स्कीम के तहत अगर कोई व्यक्ति सड़क हादसे का शिकार होता है, तो उसे ₹1.5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। और सबसे बड़ी बात – इसके लिए उसे जेब से एक भी रुपया खर्च नहीं करना होगा।
यह सुविधा सरकारी और लिस्टेड प्राइवेट हॉस्पिटल्स में 7 दिन तक के इलाज के लिए लागू होगी।
सरकारी-प्राइवेट हॉस्पिटल्स दोनों में सुविधा
इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स को भी योजना में शामिल किया है। क्योंकि सरकार जानती है कि हादसे के वक्त सबसे जरूरी होता है फौरन और बेहतर इलाज।
प्रशासन की सख्त हिदायतें
राज्य सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों को साफ निर्देश दिए हैं कि इस स्कीम का ठोस और प्रभावी क्रियान्वयन हो। अस्पतालों को आदेश मिला है कि पीड़ित को कैशलेस इलाज में कोई परेशानी न हो और पंजीयन की प्रक्रिया पूरी तरह आसान और तेज हो।
जीवन की सुरक्षा
एक्सीडेंट के बाद पीड़ित परिवार को इलाज के लिए कई बार घर, ज़मीन, गहने तक बेचने पड़ते हैं। ऐसे में यह योजना एक बड़ी राहत बनकर सामने आई है।
इस स्कीम का मकसद सिर्फ इलाज नहीं, बल्कि पीड़ित और उसके परिवार को मानसिक रूप से भी सपोर्ट करना है।
सुरक्षा भी जरूरी है
सरकार इलाज की चिंता तो कर रही है, लेकिन यह भी जरूरी है कि हम ट्रैफिक नियमों का पालन करें, हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करें और सावधानी बरतें ताकि हादसों से बचा जा सके।
राहवीरों को मिलेगा सम्मान
सरकार उन राहगीरों को भी सम्मानित करती है जो एक्सीडेंट के शिकार लोगों को समय रहते अस्पताल पहुंचाते हैं। ऐसे में अगर आप किसी को बचाते हैं, तो न सिर्फ एक जान बचाते हैं बल्कि समाज में एक मिसाल भी बनते हैं।
जरूरी है जानकारी का प्रसार
हर जरूरतमंद तक इस योजना की जानकारी पहुंचे, इसके लिए जरूरी है कि हम सब इस खबर को जितना हो सके शेयर करें, ताकि कोई भी व्यक्ति इलाज के अभाव में अपनी जान न गंवाए।