World Earth Day 2024: 22 अप्रैल को हर साल विश्व धरती दिवस यानी कि वर्ल्ड अर्थ डे मनाया जाता है। धरती कई मिलियन्स ऑफ स्पीसिज का घर है। हम सभी धरती में रहने वाले लोग एक-दूसरे के जीवन के लिए जरूरी हैं। किसी एक पर भी अगर संकट आता है तो जीवन के बारे में हम सोच भी नहीं सकते हैं। तो प्रकृति-पर्यावरण-पानी और धरती सभी की रक्षा हमारी जिम्मेदारी है। जानते हैं इस अर्थ डे कुछ ऐसे ही हीरोज के बारे में जो धरती की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर चुके हैं।
छत्तीसगढ़ के वॉटर मैन
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के रहने वाले हैं विरेंद्र सिंह। उन्होंने बेहद शुरूआती तौर पर शुरू किया। बस उनके अंदर से एक आवाज आई की पर्यावरण के लिए कुछ करना है। तो वो अपने काम में लग गए। वो स्कूली बच्चों के साथ नदी-नालों की सफाई करते हैं और घर-घर पर्यावरण का संदेश देते हैं। आज सिर्फ बालोद ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में उन्हें वॉटर मैन के नाम से जाना जाता है। वीरेंद्र सिंह ने अपना पूरा जीवन पर्यावरण के लिए समर्पित कर दिया। तो इस अर्थ डे (World Earth Day 2024) हम उन्हें सलाम करते हैं।
प्लास्टिक मैन ऑफ इंडिया
दुनिया को प्लास्टिक के रोड बनाने का आइडिया इन्होंने ही दिया है। प्रोफ़ेसर राजगोपालन वासुदेवन मुदरै के टीसीई कॉलेज के प्रोफेसर हैं। प्लास्टिक के खतरे को वो देख रहे थे। उन्हें ये लगने लगा कि किसी तरह से दुनिया से प्लास्टिक के कचरे को खत्म करने की तकनीक दी जाए। अथक प्रयास, मेहनत और रिसर्च के दम पर उन्होंने प्लास्टिक के रोड का इनिशिएटिव दे दिया। आज भारत ही नहीं दुनियाभर में इस तकनीक पर काम हो रहा है। और इसका पूरा श्रेय जाता है प्लास्टिक मैन ऑफ इंडिया प्रोफ़ेसर राजगोपालन वासुदेवन को।
इको-फ्रैंडली-होम का कॉन्सेप्ट देने वाले कपल
World Earth Day की ये कहानी आपको जरूर इंस्पायर करेगी। ये कहानी है लाखों का सैलरी पैकेज छोड़कर इको फ्रैंडली होम बनाने वाले एक कपल की। उनका उद्देश्य है दुनिया को इको-फ्रैंडली-होम यानी कि सस्टेनेबल होम की तरफ ले जाया जाए। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के डूंगरपुर में Eco-Friendly Home बनाने वाले आशीष पंडा और उनकी पत्नी मधुलिका की। उन्होंने Eco-Friendly Home को बनाने के लिए कंक्रीट और सीमेंट की जगह प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा इस घर में रिसाइकल होने वाली चीजें भी लगाई गई है। आज उनका घर डूंगरपुर इलाके में आकर्षण का केंद्र है। आशीष और पंडा सस्सटेनेबल होम बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने की सोच रहे हैं।
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क्लाइमेट वॉरियर
अरुण कृष्णमूर्ति भारत का एक ऐसा नाम है जिन्होंने गूगल की नौकरी छोड़कर अपना जीवन पर्यावरण के लिए लगा दिया। अरुण देशभर की झीलों की साफ-सफाई के अभियान में लगे हैं। इसके लिए उन्होंने साल 2011 में चेन्नई बेस्ड इंवायरमेंट्लिस्ट फाउंडेशन ऑफ इंडिया की स्थापना की। उनके इस काम के लिए उन्हें क्लाइमेट वॉरियर्स श्रेणी में ‘इंडियन ऑफ द ईयर 2023’ का सम्मान भी मिल चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अरुण की तारीफ की है।
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पौधे लगाने वाला रिक्शवाला
पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी नहीं है कि आप क्या काम करते हैं। कितना कमाते हैं या आपके पास कितना समय है। ये एक पैशन है। इस बात को पूरी तरह से साबित करते हैं दिल्ली के रहने वाले गेनू। वो पेशे से एक रिक्शेवाला हैं। अपने रिक्शे में पेड़ और पानी लेकर चलते हैं। समय मिलते ही पेड़ लगाते हैं और लगे हुए पेड़ों को पानी देते हैं। गेनू को इस काम के लिए उनकी पत्नी न प्रेरित किया। गेनू कहते हैं हम प्रकृति का ख्याल रखेंगे को प्रकृति हमारा ख्याल रखेगी। गेनू को World Earth Day की जानकारी है या नहीं हम नहीं जानते लेकिन उन्हें अपनी जिम्मेदारी का पता है।
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Positive सार
World Earth Day की जरूरत नहीं है अगर हम अपने जिम्मेदारी को समझत हुए धरती का ख्याल रखें। पेड़ लगाएं, पानी बचाएं, प्रदूषण न करें और पर्यावरण के लिए समर्पित रहें। बस धरती आपसे इतना ही चाहती है। आपको ये कहानियां कैसी लगीं हमें जरूर बताइएगा।