Water Management का अनोखा मॉडल नालंदा यूनिवर्सिटी, यूनिक तरीके से हो रही चार हजार लोगों को वॉटर सप्लाई!

नालंदा विश्वविद्यालय का वॉटर मैनेजमेंट पूरे देश के लिए रोल मॉडल बन चुका है। यहां आस-पास करीब 4 हजार की आबादी है जो ग्राउंड वॉटर का एक बूंद भी इस्तेमाल नहीं करती है। यही नहीं अगर इस जगह पर अगर 1 से 2 साल तक बारिश नहीं होगी तब भी यहां पानी की कमी नहीं होगी। ये सब मुमकिन हो पाया है नालंदा विश्वविद्यालय के वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम की वजह से।

तालाब और वाटर स्टारेज प्लांट से होती है आपूर्ति

पटना से लगभग सौ किलोमीटर दूरी पर 456 एकड़ में नालंदा विश्वविद्यालय परिसर बन रहा है। यहां के सौ एकड़ क्षेत्र में सिर्फ तालाब और वाटर स्टारेज प्लांट लगा है। इनकी गहराई पांच मीटर तक बताई गई है। इन वॉटर स्टोरेज में लगभग 8.5 करोड़ लीटर पानी को सहेजकर रखा गया है। इसके साथ ही सौ एकड़ में 12 तालाब भी मौजूद हैं। यही वजह है कि यहां के लोग ग्राउंडवॉटर का एक बूंद भी इस्तेमाल नहीं करते हैं। विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य में फिलहाल साढ़े तीन हजार श्रमिक लगे हुए हैं वहीं छात्र-शिक्षकों की संख्या भी करीब एक हजार के लगभग है। इस समय यहां 32 देशों के छात्र शिक्षा ले रहे हैं। इन सभी को पानी की पूरी आपूर्ति तालाबों से हो रही है।

 

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी एक्टिव

यहां 20 लाख लीटर क्षमता का रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी मौजूद है। विश्वविद्यालय परिसर में एक भी हैंडपंप नहीं है। लोग रोजाना के इस्तेमाल के लिए पानी का उपयोग वर्षा जल से बचाए गए जल से करते हैं। इस हिसाब से यहां रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का सबसे अच्छा उदाहरण मौजूद है।

 

पानी की बचत का अनोखा तरीका

नालंदा विश्वविद्यालय में एक व्यक्ति प्रतिदिन औसत 235 लीटर पानी का इस्तेमाल करता है। यहां पानी को रिडायरेक्ट, रियूज, रिसाइकिल, रिनेटवर्किंग, इंटरकनेक्ट व लो फ्लो फिक्शर के माध्यम से पानी का संरक्षण किया जाता है। आंकड़ों के हिसाब से 100 लीटर तक की बचत होती है।

 

ट्रीटमेंट प्लांट से पौधे करते हैं पानी को प्यूरीफाई

पानी को शुद्ध करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट और चैंबर के किनारे पौधे लगे हैं। केला के जैसे और भी दूसरे 27 तरह के पौधे पानी को साफ करने का काम करते हैं। पौधों की जड़ें पानी में घुले नाइट्रेट और फास्फेट को खींचने का काम करती है। नालंदा विश्वविद्यालय भारत का गौरव है और यहां हो रहे वॉटर मैनेजमेंट ने फिर से लोगों को एक बार अपनी तरफ आकर्षित किया है।

Avatar photo

Dr. Kirti Sisodia

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *