छत्तीसगढ़ के बिल्हा नगर पंचायत ने वो कर दिखाया है जो शायद ही किसी ने सोचा हो। 20 हजार से कम आबादी वाले शहरों में बिल्हा ने पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है। ये उपलब्धि सिर्फ एक अवॉर्ड नहीं, बल्कि लोगों की मेहनत, जागरूकता और सिस्टम की साफ नीयत का नतीजा है।
बिलासपुर की क्लीन जर्नी
- छत्तीसगढ़ का एक और बड़ा नाम बिलासपुर जिसने तीन लाख से दस लाख की आबादी वाले शहरों की कैटेगरी में देशभर में दूसरा स्थान पाया है।
 - यह दिखाता है कि सिर्फ छोटे शहर ही नहीं, बल्कि बड़े शहर भी साफ-सफाई में पीछे नहीं।
 
कुम्हारी को तीसरा स्थान
20 हजार से 50 हजार की आबादी वाले शहरों में कुम्हारी ने देशभर में तीसरा स्थान पाया है। यह नतीजा बताता है कि स्मार्ट प्लानिंग और कम्युनिटी की साझेदारी से कोई भी शहर चमक सकता है।
‘स्वच्छता सुपर लीग’ का सम्मान
भारत सरकार ने इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में ‘स्वच्छता सुपर लीग’ (SSL) नाम की एक नई कैटेगरी जोड़ी थी। इसमें अंबिकापुर, पाटन और विश्रामपुर को शामिल किया गया है। ये वही शहर हैं जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में टॉप 3 में जगह बनाई है और इस बार भी टॉप 20 में अपनी जगह बनाई है।
रायपुर को ‘Promising Clean City’ का टैग
- राजधानी रायपुर को मिला है प्रॉमिसिंग स्वच्छ शहर का सम्मान।
 - इसका मतलब यह है कि रायपुर स्वच्छता के मामले में लगातार सुधार की ओर बढ़ रहा है।
 
छत्तीसगढ़ की बड़ी मौजूदगी
- नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इन शहरों को सम्मानित किया।
 - इस मौके पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, संबंधित शहरों के महापौर, अध्यक्ष, और अधिकारियों ने पुरस्कार ग्रहण किया।
 - केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल और राज्य मंत्री तोखन साहू भी मौजूद रहे।
 
गर्व का क्षण
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे पूरे राज्य के लिए गर्व का पल बताया। उन्होंने सभी नागरिकों, लोकल निकायों और प्रशासन के योगदान की सराहना की और कहा कि “यह सफलता बाकी शहरों को भी प्रेरित करेगी कि वो अपने शहर को साफ और सुंदर बनाने में जुटें।”
सिर्फ एक मिशन नहीं
छत्तीसगढ़ में स्वच्छता अब कोई सरकारी अभियान नहीं, बल्कि लोगों की लाइफस्टाइल बन गई है। सिर्फ नगर निगम ही नहीं, आम लोग भी अपने शहर को साफ रखने के लिए आगे आ रहे हैं। यही वजह है कि हर साल राज्य के शहर राष्ट्रीय मंच पर सम्मान पा रहे हैं।
				
