Eco-Friendly Home: राजस्थान की गर्मियों के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे। ऐसे में अगर ये कहा जाए कि राजस्थान में एक ऐसा Eco-Friendly Home है जहां गर्मियों में भी एसी-कूलर की जरूरत नहीं है। इस घर को बनाने वाले कपल कमाल के इंजीनियर हैं, जो भविष्य में ऐसे और भी प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले हैं। जो पर्यावरण के लिए लाभदायक होने के साथ ही कार्बन इमिशन को भी कम करने में कारगर साबित होंगे।
इको-फ्रैंडली घर की कहानी
राजस्थान के डूंगरपुर में Eco-Friendly Home बनाया गया है। इसे बनाने वाले आशीष पंडा और उनकी पत्नी मधुलिका सिविल इंजीनियर्स हैं। उन्होंने जो घर बनाया है उसमें सीमेंट और ईंट का इस्तेमाल नहीं हुआ है। इस Eco-Friendly Home में गर्मी के दिनों में भी एसी और पंखे की जरूरत नहीं होगी।
घर बनाने के लिए इन चीजों का हुआ है इस्तेमाल
Eco-Friendly Home को बनाने के लिए कंक्रीट और सीमेंट की जगह प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा इस घर में रिसाइकल होने वाली चीजें भी लगाई गई है। साथ ही बलवाड़ा के पत्थर और पट्टियां, घूघरा के पत्थर और चूना का इस्तेमाल कर घर की सभी दीवारें बनाई गई है। घर की चिनाई में गुड़, मिट्टी का यूज कर प्लास्टर किया गया है।
घर की छत, छज्जे, सीढ़ियों के निर्माण के लिए पट्टियों का इस्तेमाल हुआ है। इसे बनाने वाले आशीष और मधुलिका कहते हैं कि राजस्थान में जितने भी पुराने महल, हवेलियां और घर बने हुए सभी में पत्थर, चूने या फिर मिट्टी का यूज किया गया है। छतों में कहीं भी सीमेंट और स्टील नहीं लगाया गया है।
Watch Here: इस विडियो में देख सकते हैं आशीष और मधुलिका का Eco-Friendly Home
आशीष और मधुलिका के बारे में
उड़ीसा से संबंध रखने वाले 40 वर्षीय आशीष कहते हैं कि उनकी स्कूलिंग मद्रास में हुई। यहीं पर वो इको फ्रैंडली चीजों से इंस्पायर हुए। उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों में काम किया। मधुलिका का बचपन विजयवाड़ा में बीता। उन्होंने अपनी मास्टर्स की डिग्री अमेरिका से की। दोनों में एक बात कॉमन थी कि वो पर्यावरण के लिए कुछ करना चाहते थे प्राकृतिक संसाधनों की हो रही अनदेखी उन्हें परेशान करती थी। यही वजह है कि उन्होंने अपने प्रोफेशन और काम से कुछ करने की ठानी और एक शानदार Eco-Friendly घर बना दिया। अब आशीष और मधुलिका ऐसे और भी घर देशभर में बनाने की तैयारी कर रहे हैं ताकि कार्बन इमिशन की दिशा में वो अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें
Positive सार
आशीष और मधुलिका का काम आज हर किसी को प्रेरित कर रहा है। दोनों वेलक्वालिफाइड इंजीनियर्स हैं जो चाहते तो किसी मेट्रो सिटी में लाखों रुपए के पैकेज के साथ एक अच्छी जिंदगी जी सकते थे, लेकिन वो प्रकृति के लिए समर्पित थे और उन्होंने इसके लिए अपना बेस्ट दिया। जैसे मधुलिका और आशीष ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाया है वैसे ही हर किसी को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए उसे निभाना चाहिए।