Cryptogamic Garden: जुरासिक इरा के पौधों को प्रोटेक्ट करने भारत में यहां बना पहला गार्डन!

Cryptogamic Garden: जुरासिक इरा (jurassic era) के बारे में तो आप सभी जानते होगे। ये वो टाइम था जब धरती पर सबसे पहले पक्षी और डायनासोर आए। आज धरती पर भले ही डायनासोर मौजूद नहीं है लेकिन उनके एविडेंस आज भी दिखाई देते हैं। अगर हम ये कहें कि इस समय के पौधे आज भी हैं तो शायद ही किसी को यकीन होगा, जुरासिक इरा (jurassic era) की लगभग चीजों के आज सिर्फ निशानियां ही मौजूद हैं। लेकिन अगर हम ये कहें कि इस समय के पौधे मौजूद हैं और इसे बचाने के लिए भारत के एक राज्य में एक गार्डन भी बनाया गया है। दरअसल उत्तराखंड में भारत का पहला क्रिप्टोगेमिक गार्डन (Cryptogamic Garden) बनाया गया है।

उत्तराखंड के देउबन में भारत का पहला क्रिप्टोगेमिक गार्डन (Cryptogamic Garden) स्थित है। ये राजधानी देहरादून से लगभग 99 किलोमीटर की दूरी पर है खास बात ये है कि ये क्रिप्टोगेमिक गार्डन (Cryptogamic Garden) 8 हजार 850 फीट की ऊंचाई पर है। इस गार्डेन में क्रिप्टोगेम्स की लगभग 76 स्पिसीज हैं। क्रिप्टोगेम्स वो पौधे होते हैं जो बिना बीज के बनते हैं। क्रिप्टोगेमिक गार्डन (Cryptogamic Garden) में तैयार की गई प्रजातियां जुरासिक इरा (jurassic era) में पायी जाती थी।

Biodiversity के लिए जरूरी क्रिप्टोगेमिक गार्डन (Cryptogamic Garden)

क्रिप्टोगेम्स की सबसे बड़ी खासियत ये है कि, ये पॉल्युशन वाले एरिया में नहीं उगते हैं। इन्हें सबसे अच्छे बायोइंडीकेटर माने जाते हैं। इन प्रजातियों का इकोनॉमिक वैल्यु बहुत अच्छा होते हैं। हैदराबादी बिरयानी और गलौटी कबाब जैसे फेमस डिशेज़ मसालों के तौर पर इसका इस्तेमाल होता है।

स्थानीय लोग मेडिसिन के तौर पर करते हैं इस्तेमाल

उत्तराखंड के पहाड़ी लोग कई तरह की लाइकेन प्रजातियों का उपयोग दवाओं के रूप में करते हैं। इसके साथ ही क्रिप्टोगेम (cryptogame) में एल्गी का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। इसकी कई सारी प्रजातियों का इस्तेमाल फूड के तौर पर भी होता है। क्रिप्टोगेम (cryptogame) में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा और विटामिन A, B, C और E काफी मात्रा में पाया जाता साथ ही साथ ये आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, मैंगनीज, जिंक, और कैल्शियम जैसे मिनरल्स का भी एच्छा सोर्स माना जाता है। एल्गी का यूज बायो फर्टीलाइजर्स और लिक्विड फर्टीलाइजर्स के रूप में भी किया जाता है। ये एल्गी मिट्टी में मौजूद नाइट्रोजन के स्तर को भी बढ़ाता है।

क्रिप्टोगेमिक (Cryptogamic) के बारे में

क्रिप्टोगेमिक (Cryptogamic) पौधे बिना बीज के बनते हैं। सरल शब्दों में कहें तो ये बिना बीज वाले पौधों की प्रजातियां होती हैं। इनमें कोई बीज, कोई फूल नहीं होते हैं। Example के लिए algae, lichen, fern, fungus क्रिप्टोगेम के फेमस ग्रुप हैं। क्रिप्टोगेम (cryptogame) की सुरक्षा के लिए नमी वाली परिस्थितियों की जरूरत होती है।

खास है भारत का पहला क्रिप्टोगेमिक गार्डन

पिछले कुछ सालों से भारत कई पर्यावरणीय परेशानियों का सामना कर रहा है। ऐसी परिस्थितयों को देखते हुए भारत का ये क्रिप्टोगेमिक गार्डन (Cryptogamic Garden) कई मायनों में खास साबित होगा। यहां के पौधे नेचर को बैलेंस करेंगे साथ ही खत्म होती पौधों की प्रजातियों को संरक्षित रखने में भी मददगार साबित होंगे।

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Rishita Diwan

Content Writer

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