कितने ही लोग होते हैं जो पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हैं। इसके लिए जरूरी नहीं है कि व्यक्ति एलिट क्लास से हो पढ़ा-लिखा हो पर्यावरण संरक्षण की जानकारी रखता हो। बस एक चीज जरूरी है वो है नेचर के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना और निभाना। ऐसी ही एक कहानी है दिल्ली के एक रिक्शाचालक की जिन्होंने अपनी पत्नी से प्रेरणा लेकर 300 पौधे लगा दिए और उनकी देखभाल बच्चों की तरह करते हैं।
दिल्ली के गोपालपुर के रहने वाले गेनू दास की कहानी दिल को छू लेने वाली है। वो रिक्शा चला कर अपने परिवार का पोषण करते हैं। आज गेनू दिल्ली में घूम-घूम कर सैकड़ों पौधे लगा चुके हैं।वो फुटपाथ पर जहां भी जगह मिलती है बहुत ही तन्मयता से पौधे को पानी देते हैं और उन्हें बचाने के तरीके अपनाते हैं।
300 से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं
एक वेबसाइट पर दिए इंटरव्यू के आधार पर ये पता चला कि गेनू दास ने अब तक 300 से ज्यादा पौधे लगाए हैं। वो गोपालपुर, नेहरू विहार, मुखर्जी नगर, गांधी विहार में लगभग 300 पौधे रोप चुके हैं। पौधे लगाने की वजह बड़ी खास है। दरअसल उन्हें पौधे लगाने की प्रेरणा अपनी पत्नी से मिली। गेनू की पत्नी प्रेग्नेंसी के दौरान कॉम्प्लीकेशन के चलते दृष्टिबाधित हो गईं। तब उन दोनों ने मिलकर सोचा कि बच्चे नहीं है तो क्या हुआ पेड़-पौधों को ही बच्चे की तरह देखभाल करते हैं। गेनू को ये बात रास आ गई अब वह अपनी दृष्टिबाधित पत्नी की खुद ही देखभाल करते हैं। साथ ही पौधे भी लगाते हैं। गेनू कहते हैं कि पेड़ लगाने से पुण्य होता है यही वजह है कि वो अपनी पत्नी के नाम पर पौधे रोपते हैं और उनकी देखभाल करते हैं।
रोज घूम-घूम कर पौधे लगाते हैं गेनू
गेनू रोज अपने रिक्शे में बोतल में पानी रखकर चलते हैं। अपने जिस भी पौधे के पास से वो गुजरते हैं बोतल से पानी जरूर डालते हैं। रिक्शे में सवारी भी बैठी रहती है, तब भी वो अपना काम करते हैं। उनका कहना है कि जब तक वह पौधों में पानी नहीं डाल लेते, तब तक उन्हें ऐसा लगता है, जैसे उनका कोई बच्चा अपनी प्यास बुझा रहा है। गेनू भले ही एक रिक्शा चालक हैं लेकिन उनका काम किसी मेच्योर पढ़े-लिखे व्यक्ति से भी ऊपर है।