YEAR END 2023: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शानदार रहा ये साल, समझें इन 5 बातों से!

Loading

Loading

साल 2023 भारतीय इकोनॉमी के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा। बिजनेस, स्टार्टअप, ऊर्जा से लेकर शिक्षा तक हर क्षेत्र में हमने कई नई उपलब्धियां हासिल की है। साल 2014 से लेकर अब तक हर कनेक्टिविटी से लेकर गोल्ड रिजर्व और इकोनॉमी तक हर सेक्टर में तेजी से ग्रोथ दिखाई दी है। उदाहरण के तौर पर देखें तो 2014 से पहले भारत में सेना के लिए हेलमेट, बुलेट प्रूफ जैकेट तक बाहर से आते थे आज हम स्वदेशी एयरक्राफ्ट विक्रांत बनाकर डोमेस्टिकली मजबूती से खड़े हुए हैं। वैसे तो भारत के लिए पिछला पूरा दशक काफी महत्वपूर्ण रहा लेकिन साल 2023 में भी भारतीय इकोनॉमी ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 

वैश्विक एजेंसियों की भारत पर नजर

दरअसल, भारत में तेजी से हो रहे आर्थिक विकास की वजह से दुनियाभर के देशों के लिए भारत एक मिसाल बना है। देश की अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार ने जो कदम उठाए हैं, ये उसी का नतीजा है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ही नहीं, जानी-मानी विदेशी रेटिंग एजेंसियां भी ये मानती हैं कि आने वाला साल भारतीय इकोनॉमी का है। आईएमएफ 2024 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट को 6.3 प्रतिशत तक बता रही है। 

पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी

नीति आयोग के एक सदस्य के मुताबिक भारत डेढ़-दो साल के अंदर ही अपने सकल घरेलू उत्पाद में 1 से 1.5 ट्रिलियन डॉलर की तेजी हासिल करेगा। इससे 2026 तक यह पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकता है। इस आर्थिक ग्रोथ की सबसे बड़ी वजह है भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत नीति। 

गरीबी हुई कम 

इसी साल संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में ये कहा गया कि भारत में गरीबी में उल्लेखनीय रूप कम हुई है। 2005-06 से 2019-21 के बीच 15 सालों के अंतर में 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। वहीं नीति आयोग ने भी इस साल जो रिपोर्ट जारी की, उसकी मानें तो 2015-16 और 2019-21 के बीच भारत में 13.5 करोड़ लोग मल्टी डाइमेंशनल गरीबी से बाहर हुए हैं।

आने वाला साल बेहतरीन इकोनॉमी के लिए- RBI 

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक देश की निरंतर मजबूत होती इकोनॉमी ये साफ संकेत दे रहे हैं कि 15 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी निवेश में उछाल के चलते विदेशी मुद्रा भंडार 9.11 बिलियन डॉलर बढ़कर 615.97 बिलियन डॉलर पर पहुंच चुका है। 

दुनियाभर में बढ़ी तेल की कीमतें तो भारत में हुईं कम

भारत सरकार ने तमाम विपरित परिस्थितियों को पार करते हुए भी राष्ट्रहित को इग्नोर नहीं किया। जब पूरा विश्व रूस-यूक्रेन युद्ध में उलझा था तब भी इंडिया फर्स्ट की नीति पर काम करते हुए रूस से कच्चे तेल का आयात भारत ने जारी रखा। जहां दुनिया के कई देशों में तेल की कीमतों को बढ़ाया भारत में तेल के दाम तुलनात्मक रूप से कम ही थे। 

Positive dose for year 2023 

ऐसा नहीं है कि भारतीय लोगों ने बुरा समय नहीं देखा। लेकिन अपनी हर स्थिति से लड़ते हुए भारत दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाता हुआ एक ऐसा देश बना जिसने हर क्षेत्र में उपलब्धियों के नए झंडे गाड़े। इस बात के बारे में जरा सोचे कि साल 2017 में जब देश में जीएसटी कानून लागू हुआ तो लगभग हर व्यक्ति ने इसका विरोध किया लेकिन अब उसी जीएसटी कानून के चलते ही देश के भंडार गरीब नहीं हुए। इससे 2022-23 में ही देश को कुल राजस्व का 30 लाख करोड़ रूपये से ज्यादा मिला। ये बात तो तय है कि आर्थिक नीतियां और सोच देश में विकास और आम लोगों के जीवन में तभी तरक्की ला पाएंगी जब ये न सिर्फ लोगों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगी बल्कि उनमें विश्वास और स्थायित्व के इमोशन को भी लाएगी।

Avatar photo

Rishita Diwan

Content Writer

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

CATEGORIES Business Agriculture Technology Environment Health Education

info@seepositive.in
Rishita Diwan – Chief editor

8839164150
Rishika Choudhury – Editor

8327416378

email – hello@seepositive.in
Office

Address: D 133, near Ram Janki Temple, Sector 5, Jagriti Nagar, Devendra Nagar, Raipur, Chhattisgarh 492001

FOLLOW US

GET OUR POSITIVE STORIES

Uplifting stories, positive impact and updates delivered straight into your inbox.