UPSC किसी समंदर से कम नहीं है। एक सेवा के लिए इंतजार और मेहनत दोनों ही करना होता है। कई बार लाख कोशिशों के बावजूद कोई परिक्षार्थी सफल नहीं हो पाता है। पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि पिछले टॉपर्स ने अपनी छोट-छोटी कमियों को कैसे दूर किया और स्ट्रेंथ को कैसे बढ़ाया..
1) टॉपर्स को पता था कि उन्हें क्या चाहिए
पिछले टॉपर्स का कहना है कि उन्हें वर्षों के अध्यापन में पता था कि उन्हें क्या चाहिए। उनमें सिविल सर्विस जॉइन करने का अपना खुद का जज्बा काफी मजबूत होता है। मतलब वे किसी और के कहने या मोटिवेशन पर तैयारी नहीं करते हैं। उन्हें उनके खुद के भीतर की आवाज का पता होता है। जो सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए प्रेरित करती है।
2) परीक्षाओं की तैयारी को एक वर्ल्ड वॉर की तरह लेते हैं
सिविल सर्विसिस की तैयारी एक बड़े युद्ध की तरह है जिसमें कई छोटी-छोटी बैटल लड़ी जाती है। इसमें सफलता बहुत सारे समझौतों, सैक्रिफाइस, हार्डवर्क और बहुत सारे हार्ट-बर्न के बाद आती है। बहुत सारे छोटी बैटल्स लगातार लड़नी पड़ेगी। अपने आप से, रिश्तेदारों से, दोस्तों से, समकक्षों से, सक्सेसफुल कैंडिडेट से, आपके दोस्तों में जो सक्सेसफुल हो गया है, मेंटल स्टेट से, फ्रस्ट्रेशन सभी से।
3) आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस पहले दिन
सिविल परीक्षा में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण सिंगल थिंग जो निकल कर आती है वो आन्सर राइटिंग स्किल्स। कई ऐसे स्टूडेंट्स को देखा है जो बहुत ब्रिलियंट होने के बाद भी अच्छी राइटिंग स्किल्स ना होने के कारण सफल नहीं हो पाते। इसके पीछे सबसे बड़ी चीज आंसर राइटिंग होती है। यूपीएससी की परीक्षा की सबसे बड़ी तैयारी पहले दिन से आंसर राइटिंग की जाए। भाषा का स्पेशलिस्ट होने की जरूरत नहीं है, न ही भारी भरकम शब्द इस्तेमाल करने की। साधारण शब्दों का
उपयोग कर भाषा को लिखने में बेसिक ग्रामर की गलतियां ना करने, सटीक और टू-द-प्वाइंट लिखने से सफलता आसान होती है।
इसके अलावा
4) अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस का पता होना चाहिए।
5) सुप्रीम कॉन्फिडेंस एंड चियरफुलनेस काफी मदद करता |
6) इफेक्टिव हार्डवर्क सबसे बड़ा मूलमंत्र |
7) जबरदस्त रीडिंग हैबिट्स होना जरूरी।
8) संयमित जीवन आधार है किसी भी लक्ष्य को पाने का।