भारतीय छात्र अब एक साथ दो जगहों से डिग्री ले सकेंगे। यूजीसी ने अहम फैसला लेते हुए कहा है कि छात्र देश और विदेशों के उच्च शिक्षा संस्थानों में एक ही कोर्स के अलग-अलग हिस्सों की पढ़ाई करके तीन तरह की डिग्रियां एक समय में हासिल कर सकेंगे। इन्हें ट्विनिंग, ज्वाइंट या डुअल डिग्री के नाम से जाना जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मंगलवार को हुई बैठक में इसे मंजूरी दी है।
यूजीसी ने इसे इसी सत्र से लागू करने का फैसला लिया है। इसी सत्र से भारतीय विश्वविद्यालय या संस्थान किसी विदेशी विश्वविद्यालय के साथ टाइअप करेंगें जहां इन डिग्रियों को हासिल करने की व्यवस्था लागू की जाएगी।
इस सुविधा का लाभ विदेशी छात्रों को भी मिलेगा। यूजीसी की तरफ से कहा गया है कि डिग्री के लिए दोनों विश्वविद्यालयों में करार होना जरूरी है। हालांकि, नए नियम ऑनलाइन, ओपन और डिस्टेंस लर्निंग मोड में पेश किए जाने वाले कार्यक्रमों पर लागू नहीं होंगे।
भारतीय विश्वविद्यालय द्वारा मिलेगी डिग्री
UGC ने स्पष्ट रूप से कहा है कि- इसे किसी भी तरह से अलग-अलग विषयों या दो अलग-अलग स्तरों पर विषय क्षेत्रों में दो डिग्री प्रोग्राम के रूप पात्रता नहीं मिलेगी। यानी कि इस व्यवस्था के तहत बीए अंग्रेजी और बीएससी भौतिकी, या बीएससी गणित और एमएससी जीव विज्ञान में दोहरी डिग्री की अनुमति नहीं दी जाएगी।
डुअल डिग्री प्रोग्राम के तहत एक छात्र आंशिक रूप से भारत में और दूसरा आंशिक रूप से एक विदेशी विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम की पढ़ाई कर सकता है। लेकिन डिप्लोमा या डिग्री केवल भारतीय विश्वविद्यालय के द्वारा ही दी जाएगी।