UGC: छात्र अब एक साथ दो कोर्स कर सकेंगे, मल्टीपल मोड में हो सकेगी पढ़ाई!



UGC ने 2 सितंबर को नई गाइडलाइन को जारी किया है। इसके मुताबिक देश के हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट में सभी कोर्स किए जा सकते हैं। साथ ही सिंगल डोमेन के इंस्टीट्यूट जैसे मैनेजमेंट, एजुकेशन, लॉ, इंजीनियरिंग के संस्थान मिलकर डिग्री भी दे सकेंगे। स्टूडेंट्स के पास मल्टिपल एंट्री-एक्जिट यानी कई बार कोर्स में प्रवेश करने, छोड़ने और फिर से उसी कोर्स की पढ़ने की छूट होगी।

स्टूडेंट्स मल्टिपल मोड में पढ़ेंगे यानी क्लासरूम फेस-टु-फेस पढ़ाई के साथ ही डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन से भी कोर्स पूरा किया जा सकेगा। इतना ही नहीं डुअल कोर्स भी इसके तहत किया जा सकता है। यानी दो मान्य कोर्स एक साथ हो पाएगा। हर संस्थान में छात्रों को ओरिएंटेशन और काउंसिलिंग की व्यवस्था मिलेगी। UGC ने गाइडलाइन में सभी राज्य सरकारों और विश्वविद्यालयों से नई व्यवस्था को लागू करने के लिए अपने नियम और नीतियां बनाने का निर्देश दे दिया है। संस्थान चाहें तो इस नियम को वे सत्र 2022-23 से ही इसे लागू कर सकते हैं।

पढ़ाई होगी तीन मोड में

छात्र या तो कॉलेज जा सकता है, या फिर फेस-टु-फेस क्लासरूम में पढ़ाई कर सकता है। कॉलेज नहीं जा सकता है तो ऑनलाइन कोर्स भी चुन सकता है। या फिर डिस्टेंस लर्निंग के माध्यम से भी पढ़ाई कर सकता है। छात्र को अलग-अलग सेमेस्टर में तीनों मोड में किसी एक मोड को चुनने की सुविधा भी दी जाएगी।

क्या-क्या है गाइडलाइन में?

किसी एक प्रबंधन के अधीन संस्थान और संस्थान समूह में भाषा, साहित्य, संगीत, फिलॉसफी, इंडोलॉजी, आर्ट, डांस, थियेटर, एजुकेशन, मैथेमेटिक्स, स्टैटिस्टिक्स, प्योर एंड एप्लाइड साइंस, सोशियोलॉजी, इकोनॉमिक्स, स्पोर्ट्स, ट्रांसलेशन व 
इन्टरप्रेटेशन के डिपार्टमेंट होंगे।

विश्वविद्यालय और सिंगल डोमेन यानी केवल प्रबंधन, केवल लॉ, केवल इंजीनियरिंग, केवल एजुकेशन या केवल मेडिकल की पढ़ाई कराने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को अब मल्टी डिसिप्लनरी मोड को एक्सेप्ट करना होगा।
देश में तीन तरह के संस्थान होंगे

पहला- रिसर्च यूनिवर्सिटी

दूसरा- टीचिंग यूनिवर्सिटी

तीसरा- ऑटोनॉमस कॉलेज।

अगर तीन हजार से ज्यादा छात्र हैं तो कॉलेज अपने स्तर पर डिग्री दे सकता है। यानी कि तीन हजार से ज्यादा छात्र वाले कॉलेज नए विभाग खोलकर बहुविषयक ऑटोनॉमस कॉलेज का दर्जा हासिल कर सकते हैं। अगर किसी कॉलेज में छात्रों की संख्या तीन हजार से कम होगी तो वह दूसरे कॉलेजों के साथ करार कर सकेंगे।

छात्रों को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में खाता खोलना अनिवार्य है। इसमें पढ़े विषय व उनके अंक 7 वर्ष तक सुरक्षित होंगे। पढ़ाई करने, बीच में छोड़ने और फिर कोर्स पूरा करने का भी मौका दिया जाएगा।

किसी छात्र ने अगर एक वर्ष की पढ़ाई पूरी की तो उसे सर्टिफिकेट, दो वर्ष पूरा करने पर डिप्लोमा, तीन वर्ष पूरा करने पर डिग्री, 4 वर्ष पूरा करने पर ऑनर्स या डुअल डिग्री दी जाएगी।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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