Strong Room: लोकसभा चुनाव 2024 के बारे में जब भी बात हुई होगी। आपने स्ट्रॉग रूम का जिक्र जरूर सुना होगा। तो क्या आपके दिमाग में ये बात आई कि आखिर क्या है ये स्ट्रॉग रूम? और चुनाव से इसका क्या संबंध है? तो आपको बताते हैं कि क्या होता है स्ट्रॉग रूम? इसका इस्तेमाल कैसे होता है और क्यों इसे सिर्फ सरकारी बिल्डिंग में ही बनाया जाता है?
चुनाव से पहले तैयार किए जाते हैं स्ट्रॉग रूम
चुनाव आयोग की देखरेख में स्ट्रॉग रूम तैयार किया जाता है। ये जगह सबसे सुरक्षित जगहों में से एक होती है। निर्वाचन अधिकारी या कलेक्टर के पास इसकी देख-रेख और सुरक्षा की जवाबदारी होती है। कड़ी सुरक्षा में स्ट्रॉग रूम को रखा जाता है।
स्ट्रॉग रूम में क्या रखा जाता है?
वोटिंग के बाद सभी EVM और वीवीपैट मशीनों को स्ट्रॉग रूम (Strong Room) में सुरक्षित रखा जाता है। स्ट्रॉग रूम किसी भी निर्वाचन क्षेत्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। क्योंकि एक बार मशीन जब स्ट्रॉग रूम के अंदर जाती है उसके बाद कोई भी इस कमरे में नहीं जा सकता है। स्ट्रॉग रूम में सुरक्षा कर्मियों के अलावा दोबारा किसी को भी एंट्री तभी दी जाती है जब वोटों की गिनती के लिए इन मशीनों को निकाला जाता है। इसे भी निर्वाचन अधिकारी या कलेक्टर की देख-रेख में निकाला जाता है।
कहां बनता है स्ट्रॉग रूम?
स्ट्रॉन्ग रूम (Strong Room) किसी भी बिल्डिंग में नहीं बनाया जा सकता है। इसके नियम और सख्त कानून होते हैं। दरअसल, स्ट्रॉन्ग रूम को सिर्फ सरकारी बिल्डिंग में ही बनाया जाता है। जिस सरकारी बिल्डिंग में स्ट्रॉन्ग रूम होता है उसे चुनाव आयोग पहले ही सिलेक्ट कर लेता है। फिर उस स्ट्रॉग रूम की सुरक्षा के इंतजाम किए जाते हैं। बता दें कि स्ट्रॉन्ग रूम किसी पुलिस स्टेशन में भी नहीं बनाया जाता है।
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कड़ी सुरक्षा में होता है स्ट्रॉग रूम
क्योंकि स्ट्रॉन्ग रूम का संबंध चुनाव से होता है। इसीलिए इसकी सुरक्षा के लिए काफी कड़े इंतजाम किए जाते हैं। स्ट्रॉग रूम (Strong Room) की सुरक्षा सेंट्रल पैरा मिलिट्री फोर्स करती है। ये सुरक्षाकर्मी हथियारों से लैस कमांडो होते हैं। इसके अलावा स्थानीय पुलिस बल भी स्ट्रॉग रूम की सुरक्षा करते हैं।