Prayas vidyalaya: छत्तीसगढ़ सरकार की प्रयास आवासीय विद्यालय योजना आदिवासी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों के लिए बहुत ही सराहनीय पहल है। इस योजना की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। इस योजना के जरिए अब वो बच्चे भी IIT और IIM में पढ़ रहे हैं जो कभी नक्सलियों के दहशत से अपने गांव के स्कूल तक जाने में डरते थे। 14 सालों में प्रयास आवासीय विद्यालय से कई होनहार बच्चे निकले और आज बड़ी कंपिनयों में काम कर रहे हैं।
प्रयास विद्यालय के बारे में
प्रदेश में 2 प्रकार के प्रयास आवासीय विद्यालय (Prayas vidyalaya) हैं पहला फीडर प्रयास आवासीय विद्यालय और दूसरा मुख्य प्रयास आवासीय विद्याल। फीडर प्रयास आवासीय विद्याल में कक्षा 9वीं और 10वीं के बच्चे रहकर बढ़ाई करते हैं और साथ ही मुख्य प्रयास आवासीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए परीक्षा की तैयारी भी करते हैं। प्रदेश में रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर और दुर्ग में मुख्य प्रयास आवासीय विद्यालय चल रहे हैं। सभी विद्यालयों में हिंदी मीडियम में और सीजी बोर्ड में पढ़ाई होती है।
प्रयास आवासीय विद्यालय का उद्देश्य
प्रयास आवासीय विद्यालय योजना को शुरु करने के पीछे छत्तीसगढ़ सरकार का मुख्य उद्देश्य नक्सल प्रभावित और आदिवासी सुदूर इलाकों के बच्चों को हाई स्कूल और हायर सेकेंड्री लेवल की अच्छी शिक्षा देने के साथ ही 12वीं के बाद हायर एजुकेशन के लिए भी तैयार करना है। इस आवासीय विद्यालयों में ग्यारहवीं और बारहवीं की पढ़ाई के साथ ही आगे IIT, IIM में एंट्रेंस की भी तैयारी कराई जाती है। इतना ही नहीं 12वीं के बच्चों को JEE, NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार किया जाता है।
कैसे मिलता है यहां एडमिशन?
प्रयास विद्यालयों (Prayas vidyalaya) में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम निकालना होता है। प्रवेश परीक्षा हर साल जून या जुलाई में आयोजित की जाती है। 9वीं कक्षा में प्रवेश के लिए छात्रों को कक्षा आठवीं में न्यूनतम 60 अंको से पास होना जरूरी है वहीं कक्षा 11वीं में प्रवेश के लिए परीक्षार्थी को 10वीं कक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ पास होना जरूरी है। जो परीवार सीधे तौर पर नक्सली हिंसा से प्रभावित हैं उनके लिए ये नियम लागू नहीं होता उन्हें सीधा प्रवेश दे दिया जाता है। उन्हें अपने इलाके के पुलिस थाने के पुलिस अधीक्षक से एक प्रमाण पत्र बनवाकर देना होगा।
क्या-क्या हैं सुविधाएं?
आवासीय विद्यालयों में छात्रों को सारी सुविधाएं फ्री में उपलब्ध कराई जाती है। हर एक बच्चे को सोने के लिए बेड, चादर, स्कूल यूनिफॉर्म, किताबें और कॉपी दी जाती हैं। 11वीं के छात्रों को नोट बुक खुद लाना होता है। इसके साथ ही फ्री मेस की सुविधा और फ्री कोचिंग की सुविधा दी जाती है। समय-समय पर खेल का भी आयोजन कराया जाता है और साल में एक बार रायपुर में आनंद मेले का भी आयोजन होता है।
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Positive सार
प्रयास विद्यालय (Prayas vidyalaya) छत्तीसगढ़ सरकार की एक सराहनीय पहल है। इस योजना से छत्तीसगढ़ के पिछड़े इलाकों के बच्चे और नक्सल प्रभावित परिवार के बच्चे भी अपना उज्ज्वल भविष्य गढ़ सकते हैं। कभी जिन इलाकों के स्कूल में खुद शिक्षक भी जाने से डरते थे आज उन इलाकों के बच्चे प्रयास आवासीय विद्यालयों के माध्यम से पिछड़े इलाकों से निकलकर देश के बड़े संस्थानों में पढ़ रहे हैं। बच्चों का भविष्य संवार कर प्रयास आवासी विद्यालय योजना प्रदेश को विकास की एक नहीं दिशा दे रही है।