PMLA 2002 भ्रष्टाचार को रोकने वाले कानून के बारे में जानते हैं?

PMLA 2002: धन-शोधन निवारण अधिनियम, 2002 जिसे अंग्रेजी में प्रिवेशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट 2002 कहते हैं। संसद के बनाए इस कानून से भ्रष्टाचार और मनी लॉड्रिंग जैसे मामलों को रोका जाता है। इस कानून पर इन दिनों काफी बात हो रही है। जानते हैं क्यों चर्चा में है Prevention of Money Laundering Act 2002 (PMLA 2002) और कैसे इस कानून से भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलती है।

खबरों में क्यों प्रिवेशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट 2002?

दरअसल कुछ दिनों पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री को ED ने शराब नीति से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था। मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई है। इस कानून के तहत हुई गिरफ्तारियों में जमानत मिलना मुश्किल होता है। साल 2002 में ये कानून बनाया गया था। जिसे 1 जुलाई 2005 को लागू कर दिया गया था।

मनी लॉड्रिंग क्या होती है?

मनी लॉड्रिंग (money laundering) वो तरीका होता है जिससे गलत तरीके से कमाए गए पैसों को सही दिखाया जाता है। बोलचाल की भाषा में इसे काला धन को सफेद करना होता है। एक अवैध तरीका होता है जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। गलत तरीके से कमाए गए पैसे को इधर-उधर करने वाले को लाउन्डर कहा जाता है।

क्या है PMLA 2002?

PMLA, Prevention of Money Laundering Act का शॉर्ट फॉर्म है। साल 2002 इस कानून को लाया गया था। इस कानून को इस लिए लाया गया था ताकि मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों को रोका जा सके। इसके कानून के अंतर्गत बैंक, म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों को भी शामिल किया गया। इस एक्ट के अंतर्गत अपराध की जांच की जिम्मेदारी प्रवर्तन निदेशालय यानी कि ED के पास होती है।

सख्त धाराएं है PMLA 2002 का हिस्सा

PMLA 2002 एक कठोर कानून है। इसके तहत आरोपी को जमानत के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस कानून में सख्त धाराएं हैं। PMLA 2002 के अंतर्गत सेक्शन 45 में जमानत के लिए कुछ कठोर शर्तें लागू हैं। जिसके तहत-आरोपी को खुद साबित करना होता है कि उस पर लगाए आरोप झूठे हैं। धारा 45 में आरोपी की जमानत के लिए कठोर शर्तें दी गई हैं।

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PMLA 2002 के अंतर्गत आने वाले सभी अपराध संज्ञेय यानी कि cognizable होते हैं। साथ ही ये गैर-जमानत का प्रावधान भी करता है। निदेशन प्रवर्तनालय (ED) को PMLA कानून के तहत कुछ शर्तों के साथ कार्य करने का अधिकार मिला है। जिसमें बिना वारंट के आरोपी को गिरफ्तार करने, परिसर की तलाशी लेने का अधिकार शामिल है। इस कानून के तहत गिरफ्तार आरोपी को कोर्ट में ये साबित करना होता है कि उस पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं और वो किसी भी तरह से दोषी नहीं है।

Positive सार

PMLA 2002 को इसलिए लाया गया ताकि देश में भ्रष्टाचार को खत्म किया जाए। यही वजह है कि इसमें कठोर प्रावधान शामिल हैं। साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की शक्तियों और PMLA अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए ये कहा था कि “मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।“

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Rishita Diwan

Content Writer

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