National Science Day 2024: हर साल 28 फरवरी को हम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाते हैं। विज्ञान के क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदम को सेलीब्रेट करने का ये सबसे अच्छा दिन होता है। भारत के महान वैज्ञानिक सीवी रमन (C V Raman) ने इसी दिन 1928 को अपने जीवन की सबसे बड़ी खोज की थी जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) मिला था।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 के लिए ‘Indigenous Technologies for Viksit Bharat’ थीम रखा गया है। जिसका अर्थ है विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकें। जानते हैं भारत के कुछ स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियों के बारे में। साथ ही कुछ ऐसे आविष्कारों के बारे में भी जानेंगे जो दुनिया को भारत से मिली….
भारत की स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियां
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 (National Science Day 2024) के लिए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, ‘विकसित भारत के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियों’ को बढ़ावा देने से वैश्विक चिंताएं दूर होंगी। इसके साथ ही विज्ञान के जरिए भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की आवश्यकता पर बल भी दिया जाएगा। ये हैं भारत में स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियां
आईएनएस विक्रांत
आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) भारतीय नौसेना के लिए भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित विमान वाहक है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने कई एयरोनॉटिकल सिस्टम, मिसाइलें और इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकियाँ डेवलप की हैं।
कोवैक्सिन (Covaxin)
भारत बायोटेक का कोवैक्सिन भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित कोविड-19 वैक्सीन है। जिससे कई जानें बचाई जा सकी हैं।
कॉर्बेवैक्स
बायोलॉजिकल ई ने कॉर्बेवैक्स को बनाया है। ये कोविड 19 के खिलाफ भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन है।
ZyCOV-D
जायडस कैडिला की ZyCOV-D दुनिया की पहली DNA वैक्सीन है।
CERVAVAC
CERVAVAC सर्वाइकल कैंसर के लिए भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस टीकाकरण है।
वायरलेस संचार तकनीक (Wireless communication technology)
मोबाइल, कॉडलेस और वॉकी-टॉकी हमारी आज की लाइफ का हिस्सा हैं। लेकिन कभी सोचा है कि रेडियो कनेक्टिविटी वेव को किसने खोजा या बनाया है। दरअसल इसके पीछे एक भारतीय वैज्ञानिक का हाथ है। उनका नाम है सर जगदीश चंद्र बोस (Jagadish Chandra Bose)।
यूएसबी पोर्ट (USB Port)
पूरी दुनिया जिस यूएसबी पोर्ट का इस्तेमाल करती है वो भारत का आविष्कार है। यूएसबी (USB) यानी यूनिवर्सल सीरियल बस (Universal Serial Bus) पोर्ट के अविष्कार से हमें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों से जुड़ने में मदद मिलती है। इसे भारत के अजय भट्ट ने बनाया था। 1990 के दशक में भट्ट और उनकी टीम ने डिवाइस पर जब काम शुरू किया तो उस दशक के आख़िर तक कंप्यूटर कनेक्टिविटी के लिए यह सबसे अहम हो गया था।
फाइबर ऑप्टिक (Fiber optic)
फाइबर ऑप्टिक के बारे में तो आपने सुना या पढ़ा ही होगा। नहीं, तो चलिए National Science Day 2024 के अवसर पर हम आपको बताते हैं कि इसका आविष्कार भी एक भारतीय ने किया था। फाइबर ऑप्टिक (Fiber optic) के आने बाद वेब, ट्रांसपोर्ट, टेलिफ़ोन संचार और मेडिकल की दुनिया में क्रांतिकारी परिवर्तन आए। दरअसल ये फाइबर-ऑप्टिक ट्रांसमिशन एक सिस्टम है, जिसमें सूचनाओं की जानकारी एक स्थान से दूसरे स्थान तक ऑप्टिकल फाइबर के जरिए प्रकाश बिन्दुओं के रूप में भेजी जाती हैं। इसका आविष्कार नरिंदर सिंह कपानी ने किया था। पंजाब के मोगा में जन्मे नरिंदर एक भौतिक विज्ञानी थे। दुनिया भर में इन्हें ऑप्टिक्स फाइबर का जनक कहते हैं।
यूपीआई (UPI)
यूपीआई यानी इंस्टेंट ऑनलाइन मनी ट्रांसफर सिस्टम (Instant Online Money Transfer System) भारत की देन है। यूपीआई (UPI) को सबसे फास्ट और भरोसेमंद पेमेंट गेटवे माना जाता है। आज इसका विस्तार तेजी से दुनियाभर में हो रहा है। यूपीआई (UPI) को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने साल 2016 में बनाया था।
Positive सार
28 फरवरी का दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 (National Science Day 2024) भारत के इतिहास में अहम है। भारत सरकार की प्रौद्योगिकी और विज्ञान के प्रति सकारात्मक रवैया हमें एक बेहतर कल की ओर ले जा रही है। शिक्षा से लेकर संसाधन तक आज विज्ञान के क्षेत्र में भारत लगातार उन्नति कर रहा है। हम एक नए कल की ओर बढ़ रहे हैं।