JNU PhD Admission: हायर एजुकेशन के फील्ड में जाने वाले लोग पीएचडी करते हैं। मास्टर्स के बाद कैंडिडेट पीएचडी के लिए नेट की परीक्षा देते हैं और किसी अच्छे कॉलेज में पीएचडी के लिए अप्लाई करते हैं। हाल ही में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। जानते हैं क्या है प्रोसेस और कैसे ले सकते हैं आप यहां एडमिशन।
एनडीए की परीक्षा अनिवार्य नहीं
JNU के पीएचडी प्रोग्राम में प्रवेश पाने के कैंडिडेंट्स को अब अलग से एनटीए की प्रवेश परीक्षा पास करने की जरूरत नहीं होगी। बल्कि स्टूडेंट्स सिर्फ यूनिवर्सिटी नेट स्कोर के बेसिस पर एडमिशन ले सकेंगे। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी ने ये डिसाइड किया है कि पीएचडी एडमिशन का क्राइटेरिया बदलेगा। एनटीए के एंट्रेंस एग्जाम की जगह सिर्फ नेशनल एलिजबिलिटी टेस्ट के स्कोर को ही मान्यता दी जाएगी।
एक ही इंट्रेस एग्जाम से होगा काम
JNU ने नोटिस जारी कर कहा है कि स्टूडेंट्स को ये सुविधा दी जा रही है। जिसके तहत उन्हें एक ही नेशनल लेवल के एंट्रेंस एग्जाम के जरिए PhD कोर्स में प्रवेश मिलेगा। नियमों को बदलने का काम हो रहा है। ये नियम एनईपी 2020 की सिफारिशों पर बेस्ड है। साथ ही इस पब्लिक नोटिस में ये भी कहा गया है कि एनटीए द्वारा आयोजित की जाने वाली यूजीसी नेट और सीएसआईआर नेट परीक्षा के बेस पर ही कैंडिडेट्स को पीएचडी में एडमिशन दिया जाएगा।
नये सेशन से नया नियम
नये नियम का पालन एकेडमिक सेशन 2024-25 से होगा। इसके तहत एनटीए को JNU के पीएचडी प्रोग्राम के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं करनी पड़ेगी। साथ ही कुछ नए नियम भी लागू किए गए हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी है।
एडमिशन क्राइटेरिया
- कैटेगरी वन के तहत क्वालीफाइड कैंडिडेट्स आएंगे।
- कैटेगरी टू में असिस्टेंट प्रोफेसरशिप वाले होंगे जेआरएफ नहीं।
- तीसरी कैटगरी में न जेआरएफ न असिस्टेंट प्रोफेसरशिप लेकिन पीएचडी के लिए नेट स्कोर पास करने वाले कैंडिडेट शामिल होंगे।
- एनटीए की सीएसआईआर नेट और यूजीसी नेट परीक्षा का स्कोर पीएचडी कोर्स में प्रवेश के लिए एक साल तक ही वैलिड होगा।
- जिन विषयों के लिए नेट परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाता है, अगर कोई कैंडिडेट उनसे पीएचडी करना चाहेगा तो उसके लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी।
- जेआरएफ के लिए पुराने वाले नियम लागू होंगे जहां 100 प्रतिशत वेटेज वीवा-वॉयस का होगा।

