

उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले के 28 वर्षीय अनुराग त्रिवेदी एक पढ़े-लिखे युवा हैं। उन्मुखी सोच के अनुराग ने जिले के पडरी कलां गांव की तस्वीर बदलने की ठानी है। वे अपनी लगन और मेहनत के बल पर नानाजी देशमुख के नए भारत के स्मार्ट विलेज बनाने की परिकल्पना को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
अनुराग के बारे में
अनुराग पडरी कलां गांव के निवासी हैं। उन्होंने आईएएस की तैयारी की। भले ही अनुराग आईएएस नहीं बन सके लेकिन उन्होंने उन लोगों की मदद करने की ठानी जो आईएएस बनना चाहते थे। इसके अलावा कोविड के समय अनुराग ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर लोगों को फ्री में खाना खिलाना भी शुरू किया।
अनुराग गांव में सामाजिक कार्यों को करते हुए कहते हैं कि गांव हमारी जड़ों में बसा था। गांव की हालत और वहां के बच्चों के भविष्य को लेकर काम करने की इच्छा मन में जागी। वे गांव की लड़कियों को आगे बढ़ाने के साथ स्वावलंबी बनाना चाहते थे। यही वजह है कि उन्होंने अपने ही गांव में शिक्षा, स्वावलंबन, लैंगिक समानता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करना शुरू किया।
उन्होंने अपने गांव में एक लाइब्रेरी खोली। साथ ही बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से इतिहास, भूगोल ,सामान्य ज्ञान के बारे में पढ़ाने की शुरूआत की। वहीं अनुराग ये भी कहते हैं कि राष्ट्रीय त्योहार पर उन्होंने बच्चों को ट्रैक शूट पहनकर गांव में दौड़ भी करवाई।
ऑनलाइन फार्मिंग से किसानों को बना रहे हैं स्मार्ट
अनुराग का कहना है कि जानकारी के अभाव में किसान जिस तरीके की खेती करते हैं वे आर्थिक रुप से ज्यादा मजबूत नहीं बन पाते हैं। अगर उनमें सुधार नहीं हुआ तो आने वाले समय में खेती और किसान दोनों ही नहीं रहेंगे। इसलिए खेती से जुड़ी तमाम जानकारी ऑनलाइन फार्मिंग के जरिए किसानों को वे सिखा रहे हैं। अनुराग आज के पढ़े-लिखे युवाओं की प्रेरणा बनकर उभरे हैं।
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