Interim Budget 2024: 1 फरवरी 2024 को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण देश का अंतरिम केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं। इस बार का केंद्रीय बजट पिछले बजट से अलग होने वाल है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह पूर्ण केंद्रीय बजट नहीं है। दरअसल ये बजट लोकसभा चुनावों से ठीक पहले होने वाला है। लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2024 के आसपास होंगे और मई के आखिर में चुनाव परिणाम भी आ जाएंगे। जिसके बाद नवगठित सरकार पूर्ण केंद्रीय बजट जुलाई 2024 में लाएगी। तो फिलहाल केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट 2024 पेश करने वाली है। हम आपको इस बजट से पहले बहले बताने जा रहे हैं कि केंद्रीय बजट में अक्सर उपयोग की जाने वाली Common Terminologies का क्या मतलब होता है।
अंतरिम बजट
Interim Budget एक temporary financial plan जो आमतौर पर एक छोटे से समय के लिए सिर्फ कुछ महीनों को ही कवर करेगी। आने वाले महीनों के लिए खर्चों का मैनेजमेंट इस बजट से किया जाएगा। ये तब तक के लिए होगा जब तक कि सेंट्रल लेवल पर नई सरकार नहीं आती।
बजट अनुमान
बजट अनुमान यानी कि बजट एस्टिमेट बजट की घोषणा की जाती है तो फाइनेंस मिनिस्टर विभिन्न कार्यों और मंत्रालयों के लिए फंड निर्धारित करती है। इसे ही बजट एस्टिमेट कहते हैं।
वोट ऑन अकाउंट
Vote On Account को हिंदी में लेखानुदान कहते हैं। ये एक स्पेशल प्रोसिजर होती है। जिसे सरकार एक निश्चित समय के लिए खासतौर पर सिर्फ कुछ महीनों के लिए लाती है। इसमें सबसे जरूरी सरकारी खर्च के लिए पार्लियामेंट्री मंजूरी प्राप्त करने की अनुमति मिलती है। इसकी मांग तब की जाती है जब आने वाले फाइनेंशियल ईयर के लिए पूर्ण बजट अभी तक संसद द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया हो। साथ ही वित्तीय वर्ष खत्म होने वाला हो। लेखानुदान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि पूर्ण बजट पारित होने तक सरकार के पास अपनी तुरंत को खर्चों को पूरा करने के लिए आवश्यक फंड हो।
हलवा सेरेमनी
हलवा सेरेमनी भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है, जैसे हर किसी काम को शुरू करने से पहले मीठा खाया जाता है वैसे ही भारत में वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करने से लगभग कुछ दिन पहले, पारंपरिक ‘हलवा समारोह’ आयोजित करते हैं, इसमें अधिकारियों और सहायक कर्मचारियों को हलवा परोसा जाता है। हलवा समारोह बजट तैयारी प्रक्रिया के आखिरी स्टेप का symbol है।
डायरेक्ट टैक्स
Direct Taxes को हिंदी में प्रत्यक्ष कर कहते हैं। ये वैसे टैक्स होते हैं, जो सरकार द्वारा सीधे व्यक्तियों और संस्थाओं पर लगते हैं। इन टैक्सों का भुगतान टैक्सपेयर सीधे सरकार को करता है।
इनडायरेक्ट टैक्स
Indirect Taxes दी जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर लगाई जाती है। इसे हिंदी में अप्रत्यक्ष कर के रूप में पहचाना जाता है। किसी सामान को बेचने के से पहले कंज्यूमर पर टैक्स लगाया जाता है, ये वही कर होता है। for example- customs duties, GST.
जीएसटी
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक इनडायरेक्ट टैक्स होता है। ये भारत में कई इनडायरेक्ट टैक्स जैसे excise duty, VAT, services tax की जगह अब लिया जाता है। वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 29 मार्च, 2017 को संसद से पारित होकर 1 जुलाई, 2017 से पूरी तरह लागू हुआ है।
कस्टम ड्यूटी
Customs Duty को हिंदी में सीमा शुल्क माल कहते हैं. ये किसी माल के आयात या निर्यात पर लगाए जाने वाले टैक्स होते हैं। इन टैक्स को इंटरनेशनल बॉउंड्रीज पर एकत्र किए जाते हैं।
एक्साइज ड्यूटी
Excise Duty को किसी खास वस्तुओं के प्रोड्क्शन या बिक्री पर लगाया जाता है। ऐसे सामानों को अक्सर हेल्थ या पर्यावरण के लिए नुकसान माना जाता है। for example- तंबाकू, शराब और ईंधन
बजट सायकल
किसी बजट के शुरूआत से लेकर मूल्यांकन तक के प्रोसेस या लाइफ को बजट चक्र कहते हैं। बजट सायकल में 4 स्टेप होते हैं।
- तैयारी और प्रस्तुतीकरण (preparation and submission)
- अनुमोदन (approval)
- निष्पादन और लेखापरीक्षा (execution and audit)
- बजट मूल्यांकन (budget evaluation).
ब्लू शीट
Blue Sheet बेहद खास होती है। ब्लू शीट बजट के वो डॉक्यूमेंट्स होते हैं, जिनका रंग नीला होता है। इसके अंदर कई महत्वपूर्ण संख्याएँ होती हैं। ब्लू शीट पूरे बजट प्रोसेस का बेस होता है। इसे वित्त मंत्री से भी छुपाकर रखा जाता है। इनकी संख्या सैकड़ों में होती है।
Positive सार
गवर्मेंट के लिए ये जरूरी है कि पैसा वहां पहुंचे जहां उसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। ये ही सरकार को कल्याणकारी नीतियां बनाने में मददगार होती है। बजट की मदद से सरकार ये तय करती है कि विभिन्न सेक्टर्स में टैक्स रेट क्या होगा जिससे देश के आर्थिक विकास में निवेश और खर्च का बड़ा योगदान दे सके और विकास निरंतर होता रहे।