Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस देश के दो राष्ट्रीय त्यौहार है। ये दोनों ऐसे त्यौहार हैं, जिसका इंतजार देश में हर कोई करता है। पूरे देश को एक रंग में रंगने वाले इस पर्व का इंतजार पूरा देश करता है। क्या आप जानते हैं स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह के आयोजन में काफी अंतर होता है। आइए जानते हैं ये किस तरह से अलग होता है।
स्वतंत्र और लोकतंत्र का उत्सव
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस भारत के दो महापर्व हैं। जहां स्वतंत्रता दिवस देश की आजादी का जश्न होता है वहीं गणतंत्र दिवस हमारे लोकतंत्र का प्रतीक है। 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस (Independence day 2024) के दिन हम देश के आजाद होने को पर्व के रूप में मनाते है। देश की स्वतंत्रता के लिए दिए गए वीर शहीदों के बलिदान और संघर्ष को याद करते हैं। इस दिन देश के प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं।
गणतंत्र दिवस
26 जनवरी के दिन हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने का उत्सव मनाते हैं। इसलिए इस दिन देश के कोने-कोने से लोग आकर समारोह में सांस्कृति कार्यक्रम, परेड और झांकियों में हिस्सा लेते हैं। यह इस बात को दिखाता है, कि भारत लोकतंत्र हैं। जिसमें हर कदम पर जनता की भागीदारी काफी अहम होती है।
होते हैं खास कार्यक्रम
स्वतंत्रता दिवस और गणंतंत्र दिवस दोनों के आयोजन स्थल अलग-अलग होते हैं। जैसे कि स्वतंत्रता दिवस समारोह दिल्ली के लाल किले पर आयोजित होता है। वहीं गणतंत्र दिवस परेड और समारोह कर्तव्य पथ पर होता है। 15 अगस्त 1945 के दिन लाल किले पर आधिकारिक रूप से भारत के स्वतंत्र होने की घोषणा हुई थी। यही वजह है कि हम हर साल देश के स्वतंत्र होने का जश्न लाल किले से ही मनाते हैं। इस दिन लाल किले पर लहराता हुआ तिरंगा उस स्वर्णिम दिन की याद दिलाता है जब देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी।
तिरंगा फहराने का तरीका
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस दोनों में ही सबसे पहले तिरंगा फहराकर कार्यक्रम की शुरुआत की जाती है। लेकिन दोनों ही मौकों पर ध्वज फहराने वाले भी अलग होते हैं और ध्वज फहराने का तरीका भी अलग होता है। स्वतंत्रता दिवस (Independence day 2024) पर देश के प्रधानंत्री ध्वजारोहण करते हैं। जिसे flag hosting कहा जाता है। इसमें राष्ट्रीय ध्वज अपने स्तंभ में नीचे से ऊपर की ओर जाकर लहराता है। अंग्रेजों से आजादी मिलने पर इसी तरह ब्रिटिश ध्वज को नीचे किया गया था और तिरंगे को ऊपर ले जाकर फहराया गया था। जो कि अंग्रेजी शासन के अंत और स्वतंत्र भारत के उदय का प्रतीक था।
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गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। इस समय तिरंगे के अंदर फूल डालकर खंभे के ऊपर ही बांधकर तैयार रखा जाता है जिसे राष्ट्रपति रस्सी खींचकर खोलते हैं और झंडा फहराते हैं इसे flag furling कहा जाता है।
गणतंत्र दिवस की झांकी
गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर हर साल राजपथ पर अलग-अलग राज्यों की झांकियां निकाली जाती है। जबकी स्वतंत्रता दिवस पर झांकी का प्रदर्शन नहीं होता है। गणतंत्र दिवस पर निकलने वाली झांकी में देश में हो रहे विकास और योजनाओं को दर्शाया जाता है। साथ ही राज्य अपनी झांकियों के जरिए अपने राज्य की कला और संस्कृति का प्रदर्शन पूरे देश के सामने करते हैं।