One Nation One Subscription: केंद्र सरकार ने वन नेशनल वन सब्सक्रिप्शन को मंजूरी दे दी है। यह एक ऐसी योजना है जिससे रिसर्चर्स को रिसर्च पेपर के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इस योजना के लागू होने के बाद स्कॉलर्स को को ई-जर्नल्स एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो जाएंगे। इसके जरिए केंद्र और राज्य के सभी हायर एजुकेशन के इंस्टिट्यूट आपस में कनेक्ट होंगे।
क्या है वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन
इस योजना के तहत, सभी केंद्रीय और स्टेट के उच्च शिक्षा संस्थानों को इंटरनेशनल पब्लिशर्स की जानी-मानी पत्रिकाओं को एक्सेस करन का मौका मिलेगा। खास बात यह है कि यह सुविधा एक ही प्लेटफॉर्म पर मिलेगी। यह सब्सक्रिप्शन इन्फॉर्मेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क (INFLIBNET) की तरफ से लागू किया जा रहा है। केंद्र ने इस योजना के लिए 2027 तक, तीन साल के लिए 6,000 करोड़ का बजट तय किया है।
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन का उद्देश्य
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का उद्देश्य हर छात्र, शिक्षक, और शोधकर्ता को नवीनतम शोध पत्रों और जर्नल्स तक पहुंच प्रदान करना है। इसके तहत सरकार ने एकीकृत डिजिटल पोर्टल तैयार किया है, जहां 30 अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों के 13,000 से अधिक ई-जर्नल्स उपलब्ध होंगे।
1.8 करोड़ स्टूडेंट्स को मिलेगा लाभ
इस योजना से 1.8 करोड़ लाभार्थी सीधे जुड़ेगे, और देश के 6,300 से अधिक उच्च शिक्षा संस्थानों को इसका लाभ मिलेगा। INFLIBNET केंद्र द्वारा संचालित इस योजना के तहत, शोधकर्ताओं को उनके क्षेत्र के नवीनतम आविष्कार और शोध उपलब्ध कराए जाएंगे।
सरकार ने इसके लिए 6,000 करोड़ का बजट निर्धारित किया है, जो अगले तीन वर्षों (2024-2027) में खर्च होगा।सरकार का ये कदम न केवल छात्रों की शिक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि भारतीय शोध को वैश्विक स्तर पर नई पहचान भी देगा।
Positive सार
“वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना भारत के भविष्य का सुनहरा अध्याय लिखने को तैयार है। वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन न केवल हमारी शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएगा, बल्कि एक ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर भी ले जाएगा। अब शोध सामग्री आसानी से उपलब्ध होने से रिसर्च का क्षेत्र विस्तृत होगा। शोधकर्ताओं की रुची भी नए नए विषयों में बढ़ेगी।
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