Foreign Study Scholarship: विदेश में पढ़ने के लिए भारत सरकार देती है स्कॉलरशिप, देखें क्या है क्राइटिरिया!

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Foreign Study Scholarship: कई स्टूडेंट्स के लिए फॉरेन स्टडी एक सपना होता है। लेकिन हर किसी के लिए ये आसान नहीं होता है। इसकी सबसे बड़ी वजह बन जाती है खर्च और फाइनेंशियल सिचुएशन। कई ऐसे भी स्टूडेंट्स होते हैं, जो टैलेंटेड और जीनियस तो होते हैं लेकिन विदेश में पढ़ाई का खर्च नहीं उठा पाते। ऐसे स्टूडेंट्स की मदद के लिए भारत सरकार स्कॉलरशिप प्रोग्राम्स चलाती है। ये स्कॉलरशिप अलग-अलग सब्जेक्ट्स और स्ट्रीम के लिए दी जाती है। जिसकी मदद से स्टूडेंट्स को न सिर्फ विदेश में पढ़ाई का मौका मिलता है बल्कि वहां होने वाले खर्चों को भी कवर करती है। 

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से मिलती है स्कॉलरशिप

विदेश में जाकर हायर एजुकेशन हासिल करने का मन बनाने वाले स्टूडेंट्स को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से वित्तीय सहायता मिलती है। मंत्रालय की तरफ से कई तरह की स्कॉलरशिप्स भी दी जाती हैं। इन स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई करने के लिए स्टूडेंट्स को मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट education.gov.in पर सारी जानकारी मिल जाती है। 

गरीब लोगों के लिए अलग से स्कॉलरशिप

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की तरफ से कई सारी स्कॉलरशिप आर्थिक रूप से गरीब लोगों को दी जाती ह। इसमें नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप स्कीम काफी मददगार होती है। ये स्कॉलरशिप अनूसूचित जाति, विलुप्त हो रहीं खानाबदोश और घुमंतू जनजातियों, भूमिहीन खेतिहर मजदूर, पारंपरिक कारीगर और पारंपरिक कारीगर कैटेगरी से आने वाले लोगों को विदेश शिक्षा के लिए दी जाती है। ये स्कॉलरशिप विदेश में जाकर मास्टर डिग्री और पीएचडी करने के लिए मिलती है। 

स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई करने के लिए ऑफिशियल वेबसाइट nosmsje.gov.in पर सबसे पहले विजिट करना होगा। स्कॉलरशिप के फॉर्म में सभी पर्सनल डिटेल्स, कोर्स का नाम और विदेश यूनिवर्सिटी ने नाम का जिक्र करना होता है। इसके अलावा, प्रूफ के लिए कई सारे डॉक्यूमेंट्स भी जमा करने होते हैं। इस स्कॉलरशिप के लिए कैंडिडेट को कम से कम 60 प्रतिशत से ज्यादा नंबर लाने चाहिए। 

ST स्टूडेंट्स के लिए अलग से होती है सरकारी स्कॉलरशिप

अगर कोई स्टूडेंट अनूसूचित जनजाति श्रेणी से आता है, तो उसके लिए भी विदेश में जाकर पढ़ाई करने का मौका सरकार देती है। जनजातीय कार्य मंत्रालय की तरफ से नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप स्कीम के तहत स्कॉलरशिप दी जाती है। इसके लिए कैंडिडेट्स को overseas.tribal.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा। विदेश में मास्टर डिग्री, पीएचडी और पोस्ट-डोक्टोरल कोर्स करने के लिए हर साल 20 स्टूडेंट्स को ये स्कॉलरशिप मिलती है।

PHD स्टूडेंट्स के लिए स्कॉलरशिप

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से ओवरसीज विजिटिंग डोक्टोरल फेलोशिप प्रोग्राम के तहत स्कॉलरशिप दी जाती है। इस फेलोशिप से विदेशी संस्थानों में पीएचडी करने वाले स्टूडेंट्स को आगे बढ़ने का मौका दिया जाता है। ये फेलोशिप सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही मिलती है। उम्मीदवारों का STEM विषय में फुल-टाइम पीएचडी डिग्री से जुड़ा होना जरूरी है। इस स्कॉलरशिप के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए serbonline.in पर विजिट किया जा सकता है। 

अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स को मिलती है स्कॉलरशिप 

अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय पढ़ो परदेश स्कीम का लाभ देती है, जिसे अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए ब्याज अनुदान योजना स्कीम भी कहते हैं। इसकी ज्यादा जानकारी के लिए कैंडिडेट को ऑफिशियल वेबसाइट minorityaffairs.gov.in पर जाना होगा। इसके तहत विदेश में पढ़ाई के लिए लिए गए लोन को माफ की जाती है। उम्मीदवारों को इस संबंध में अपने बैंक डिटेल्स देनी होती है।

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Rishita Diwan

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