EVM Cost: देश के चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का काफी महत्व होता है। इसके इस्तेमाल से जहां चुनावी खर्च कम होते हैं वहीं निष्पक्ष मतदान में भी ये अहम रोल निभाता है। इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाला ईवीएम कितने में रुपए में बनकर तैयार होता है? इसे बनाने में कितना खर्च होता है और कौन सी कंपनी इसे बनाती है जानते हैं….
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बारे में
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) वोट रिकॉर्ड करने वाली एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। इस डिवाइस में दो यूनिट्स होती हैं। एक कंट्रोल करने वाली यूनिट और दूसरी वोटिंग यूनिट। ये पांच मीटर की केबल से जुड़ दी जाती है। इसके साथ ही कंट्रोल यूनिट को पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के पास रख दिया जाता है। जबकि वोटिंग यूनिट को वोटिंग कंपार्टमेंट के अंदर रखते हैं। बता दें कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल पहली बार साल 1982 में केरल के (70) परूर विधानसभा क्षेत्र में हुआ था।
EVM का महत्व
भारत में लोकसभा और प्रदेश विधानसभा चुनावों में ईवीएम के जरिए वोटिंग की जाती है। ईवीएम के उपयोग से मतदान से लेकर मतगणना का काम काफी आसान हुआ है। इसके अलावा ईवीएम ने चुनाव करवाने का खर्च भी काफी कम किया है। दरअसल चुनाव के लिए लाखों में मतपत्रों की छपाई, ढुलाई, स्टोरेज जैसे कामों में बहुत पैसे बच जाते हैं। EVM से काउंटिंग के समय भी बहुत कम कर्मचारियों की जरूरत होती है। जिससे अधिकारी कर्मचारी का खर्च भी बच जाता है।
EVM की लागत
ऑफिशियल जानकारी के मुताबिक M 2 ईवीएम की कीमत 8,670 रुपये और एक M 3 ईवीएम की कीमत लगभग 17,000 रुपये तक होती है। भारत में EVM बनाने का काम दो कंपनी करती हैं। बैंगलूर का भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और हैदराबाद की इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) भारत में EVM बनाती है।
क्या ये बिजली से चलती है?
दरअसल EVM में बैटरी लगी होती है। तो जहां बिजली नहीं हो या मतदान के समय बिजली चली जाए तो EVM बैटरी से चलती है। ईवीएम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड/ इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा असेंबल की गई एक साधारण बैटरी की मदद से काम करती है। वहीं मतदान केंद्र पर वोटिंग खत्म होने के बाद ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में जमा कर दिया जाता है।
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Positive सार
EVM ने चुनाव के प्रोसेस को आसान किया है। इससे जहां इलेक्शन प्रोसेस सरल और निष्पक्ष हुई है वहीं चुनावी खर्चों पर भी रोक लगाना आसान हुआ है। चुनाव के समय अपने अधिकारों के बारे में जागरूक रहें और मतदान करने जरूर जाएं।