Delhi-Mumbai Expressway: भारत की सबसे लंबी एक्सप्रेसवे Delhi-Mumbai Expressway लगभग बनकर तैयार हो गई है। हाल ही में इसकी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर जारी की गई हैं। देखने में काफी खूबसूरत और ट्रांसपोर्ट सुविधा की दृष्टि से अहम Delhi-Mumbai Expressway काफी महत्वपूर्ण है। ये दिल्ली से मुंबई के बीच के सफर को आसान बनाने के साथ ही यात्रा में लगने वाले समय को भी कम करेगा। जानते हैं क्या है इसकी खासियत और आने वाले समय में इससे क्या-क्या फायदे होंगे।
देश की सबसे लंबी एक्सप्रेसवे
1350 किलोमीटर लंबी Delhi-Mumbai Expressway भारत की सबसे लंबी एक्सप्रेसवे है। इसका काम अभी जारी ही है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस साल के अंत तक ये पूरा हो जाएगा। हालांकि नई दिल्ली-दौसा खंड पर इसमें ट्रांसपोर्टेशन का काम शुरू भी किया जा चुका है। 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस एक्स्प्रेसवे से दिल्ली से मुंबई का सफर 24 घंटे से घटकर सिर्फ 12 घंटे हो जाएगी।
5 राज्यों से गुजरेगी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे
Delhi-Mumbai Expressway पांच राज्यों- हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगी। दिल्ली से मुंबई के रास्ते को कम करने के उद्देश्य से इस एक्सप्रेसवे की नींव साल 2019 में रखी गई थी। 8 लेन के इस एक्सप्रेसवे को काफी एडवांस तकनीक से बनाया जा रहा है।
क्या है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस बनाने की खास तकनीक?
दिल्ली से मुंबई तक के सफर को आसान करने वाली इस Delhi-Mumbai Expressway को जर्मन तकनीक से बनाया गया है। जिससे सड़क पर तेज गति से गाड़ी चलाने पर किसी तरह का झटका महसूस नहीं होगा। Delhi-Mumbai Expressway की एक और खास बात ये है कि इस एक्सप्रेसवे पर कहीं भी ब्रेकर नहीं बनाया गया है।
चंबल नदी पर बना है पुल
Delhi-Mumbai Expressway के कोटा-सवाई माधोपुर खंड के रास्ते में चंबल नदी भी पड़ती है। इस एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए चंबल नदी पर पुल बनाने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। इस पर काम कर रहे एक्सपर्ट्स के मुताबिक चंबल नदी पर पुल बनाना इस खंड का सबसे कठिन काम था, जिसे बेहतर और एडवांस तकनीक से पूरा किया जा रहा है।
कम समय में पूरा होगा सफर
Delhi-Mumbai Expressway से जहां दिल्ली से मुंबई के बीच के सफर का समय कम होगा वहीं एक्सप्रेसवे के बन जाने से कोटा और सवाई माधोपुर से जयपुर, अलवर, दिल्ली, मुंबई, उज्जैन और रतलाम सहित कई शहरों में सफर करने का भी समय कम होगा। सवाई माधोपुर से 3 घंटे में दिल्ली और 9 घंटे में मुंबई तक का सफर किया जा सकेगा।
किन्हें मिलेगा फायदा?
जहां दिल्ली राजधानी है वहीं मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है। ऐसे में इनके बीच का सफर जब आसान होगा, सफर का समय घट जाएगा तो कई लोगों को इसका फायदा मिलेगा। आर्थिक रूप से इसका फायदा व्यवसायी और नौकरीपेशा लोगों को मिलेगा। इसके साथ ही कई ऐसे छोटे-बड़े शहर भी इसका लाभ उठा सकेंगे।
उदाहरण के लिए ऐसे समझें….सवाई माधोपुर में पैदा होने वाली अमरूद और सब्जियां देश-विदेश तक पहुंचाई जाती है। अब जब यहां से दिल्ली जाने में कम समय लगेगा तो अमरूद बागानों के व्यापारियों को फायदा मिलेगा।
वहीं कोटा की अनाज मंडी देश की प्रसिद्ध मंडियों में से एक है। गेहूं, धान, मूंगफली और सोयाबीन सहित यहां बहुत सी फसलें खरीदी और बेची जाती हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे बनने का फायदा यहां से देशभर में माल भेजने वाले व्यापारियों को सीधे तौर पर होगा।
क्या है स्पीड लिमिट और नियम?
Delhi-Mumbai Expressway पर कार की मैक्जिमम स्पीट लिमिट 120 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसी तरह ट्रक को इस पर अधिकतम 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाने की अनुमति दी जाएगी। नियमों के अनुसार इस आधुनिक रोड पर मोटरसाइकिल, स्कूटर, तीन पहिए वाले वाहन और ट्रैक्टर जैसे धीमी गति से चलने वाले वाहनों को अनुमति नहीं दी जाएगी।
एक्सप्रेसवे पर सुविधाएं
Delhi-Mumbai Expressway पर कुछ किलोमीटर पर रेस्ट एरिया बनेंगे। इन पर तेजी से काम हो रहा है। इन रेस्ट एरिया में होटल, ढाबे, पेट्रोल पंप, चार्जिंग स्टेशन सहित हर जरूरी सुविधा होगी। केंद्र सरकार का इरादा इन रेस्ट एरिया में ट्रॉमा सेंटर तैयार करने का भी है।
Positive सार
पिछले कुछ सालों में भारत सरकार ने ट्रांसपोर्ट के साधनों पर काफी काम किया है और उन्हें एडवांस टेक्नीक के साथ विस्तारित भी किया है। फिर चाहे बात रेल और हवाई मार्ग के साथ रोड ट्रांसपोर्ट की ही क्यों न हो। हमने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। ये बेहतर ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर नए भारत की कहानी लिख रहे हैं।