BA, B. Com Career: अक्सर देखा गया है स्टूडेंट्स को ग्रेजुएशन के बाद हायर स्टडीज को लेकर काफी कंफ्यूजन रहता है कि आगे उन्हें क्या करना चाहिए। खासकर आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स आगे की पढ़ाई को लेकर चिंतित रहते हैं कि वो कौन सा विकल्प चुनें कि आगे जाकर उन्हें करियर बनाने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो। आपको बता दें बीए और बीकॉम के बाद भी कई बेहतरीन ऑप्शन मौजूद हैं जिन्हें चुनकर आप अपने करियर को ऊंची उड़ान दे सकते हैं।
MBA या PGDM?
MBA यानी मास्टर्स ऑफ बीजनेस मैनेजमेंट और PGDM यानी पीजी डिप्लोमा इन मैनेजमेंट दोनों ही बी कॉम के बाद किए जाने वाले लोकप्रिय कोर्स हैं। इसे आप मार्केटिंग, फाइनेंस, ऑपरेशन्स और ह्यूमन रिसोर्स में से किसी भी एक में स्पेशलाइजेशन के रूप में कर सकते हैं। आजकल लगभग हर कंपनी चाहे वो छोटी हो या बड़ी अपने संस्थानों में एचआर, मार्केटिंग एग्सीक्यूटिव और सेल्स मैनेजर रखती है। एमबीए के दौरान आपको इन्हीं सब से जुड़े स्कील्स सिखाए जाते हैं। प्रतिष्ठित संस्थान इन कोर्स को कराने के बाद इंटर्नशिप प्रोगराम भी कराते हैं जिससे आगे फिल्ड में आपकी मदद हो जाती है। एमबीए करने के लिए आपको ग्रेजुएट होना जरूरी है। एडमिशन के लिए आपको CAT, MAT, GMAT, XAT, CMAT या कॉलेज में होने वाले एंट्रेस एग्जाम को पास करना जरूरी है।
MA इकोनॉमिक्स
वो स्टूडेंट्स जिन्होंने बीए इकोनॉमिक्स ऑनर्स किया है या जिनका बीए में एक विषय इकोनॉमिक्स था वो आगे एमए इकोनॉमिक्स कर सकते हैं। एमए इकोनॉमिक्स से आगे फाइनेंस से जुड़े करियर ऑप्शन खुल जाते हैं। अगर आप एमए इकोनॉमिक्स करना चाह रहे हैं तो माइक्रोइकोनॉमिक्स, डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स, मैक्रोइकोनॉमिक्स, इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स, इकोनोमैट्रिक्स या पब्लिक पॉलिसी में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। MA economics में एडमिशन क लिए आपको इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट होना जरूरी है साथ ही CUET PG, PUCET PG, URATPG और कॉलेजेस की खुद की प्रवेश परीक्षा में अच्छा स्कोर लाना होगा।
MSW और सोशल वर्क
MSW यानी की मास्टर्स इन सोशल वर्क आजकल खूब पसंद किया जाने वाला कोर्स है। इसे करने के बाद NGO में और सरकारी संस्थानों या अस्पतालों में काउंसलर के तौर पर कारियर बनाने का मौका मिलता है। इस कोर्स में आपको समाज में बदलाव लाने को लेकर प्रोफेशनल कोर्स कराए जाते हैं। MSW या इसमें डिप्लोमा करने के लिए आपको किसी भी विषय में ग्रेजुएट होना जरूरी है। एडमिशन के लिए होने वाले एंट्रेंस टेस्ट जैसे CUET PG, TISS NET और संस्थानों की अपनी खुद की प्रवेश परीक्षा में बैठना होगा।
CFA और चार्टर्ड फाइनेंसियल एनालिस्ट
फाइनेंस सेक्टर में अपना कररियर बनाने वाले छात्र चार्टर्ड फाइनेंसियल एनालिस्ट कोर्स कर सकते हैं। CFA एक इंटरनेशल लेवल पर मान्यता प्राप्त कोर्स है जिसे CFA इंस्टीट्यूट से ही किया जा सकता है। CFA कोर्स को इस तरह से तैयार किया गया है कि ये स्टूडेंट्स फाइनेंस सेक्टर और इनवेस्टमेंट सेक्टर से जुड़ी सभी संभावनाओं और चुनौतियों से निपटना सिख जाएं। इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, फाइनेंशियल एनालिस्ट, रिस्क मैनेजमेंट के तौर पर काम कर सकते हैं। इस कोर्स को करने के लिए CFA इंस्टीट्यूट का एंट्रेंस एग्जाम पास करना होता है।
MA या M. Com
बीए और बीकॉम के बाद सबसे ज्यादा किए जाने वाला कोर्स है एमए और एमकॉम। आपने जिस विषय में ग्रेजुएशन किया है उसी सब्जेक्ट में आप पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर सकते हैं। जैसे एमए इंग्लिश लिट्रेचर, एमए हिंदी लिट्रेचर, एमए पॉलिटीकल साइंस, एमए सोशियोलॉजी, एमए साइकोलॉजी, एमए हिस्ट्री और एमए जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन।
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इसी तरह बीकॉम के स्टूडेंट्स बैंकिंग और इंश्योरेंस, फाइनेंस, टैक्सेशन, अकाउटिंग या मार्केटिंग में पीजी कर सकते हैं। पीजी करने के बाद आप बीएड करके स्कूल में टीचरशिप को अपना करियर बना सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ नेट या सेट निकालकर कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में करियर बना सकते हैं। पीजी करने के बाद आप रिसर्च के क्षेत्र में जाना चाहें तो पीएचडी भी कर सकते हैं।
Positive सार
आज के समय में ग्रेजुएशन के बाद हायर स्टडीज के लिए बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं। बेहतर करियर के लिए कम से कम पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई करना बेहतर होता है। इससे आगे जाकर बहुत सारे विकल्प खुल जाते हैं। ग्रेजुएशन के बाद अपनी रुची और अपने पसंदिदा सब्जेक्ट को ध्यान में रखते हुए हायर स्टडीज के लिए ऑप्शन चुनें। अगर फिर भी किसी कंफ्यूजन की स्थिति में हों तो करियर काउंसर की मदद भी ले सकते हैं।